उत्तराखण्डराज्य
Controlling Forest Fire हेतु वन पंचायतों का अहम रोलः सविन बंसल, डीएम
वन पंचायतों के गठन हेतु डीएम ने एसडीएम को नोडल अधिकारी बनायाजनपद में 20 फरवरी तक वन पंचायतों के गठन के निर्देशवनाग्नि पर नियंत्रण हेतु सेंस ऑफ रिस्पॉस्बिलिटी आवश्यकनैनीताल में डीएम रहते वन पंचायतों को सक्रिय किया
देहरादून 9 जनवरी: Controlling Forest Fire: जिलाधिकारी सविन बसंल की अध्यक्षता में जिला वनाग्नि सुरक्षा समिति की बैठक की गई। जिसमें डीएम ने वनाग्नि की घटनाओं पर नियंत्रण हेतु दिए प्रभावी निर्देश दिए हैं । जिलाधिकारी ने कहा कि वनाग्नि रोकने हेतु वन पंचायतों एवं स्थानीय निवासियों की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। उन्होने 20 फरवरी तक वन पंचायतों का गठन करने के निर्देश दिए। इसके लिए उप जिलाधिकारी गौरव चटवाल को नोडल अधिकारी नामित किया गया है। जिलाधिकारी ने कहा कि वन पंचायतों को हर संभव वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी। डीएम बसंल द्वारा नैनीताल में जिलाधिकारी रहते वन पंचायतों को सक्रिय किया गया था, वन पंचायतों की सक्रियता तथा जनमानस के सहयोग से वनाग्नि की घटना को नियंत्रित रखा था।
जिलाधिकारी ने कहा कि स्थानीय स्तर पर हैण्डस बढाने आवश्यक है, इसके लिए जनमानस का सहयोग हेतु जनजागरूकता कार्यक्रम चलाने के निर्देश दिए। सेंस ऑफ रिस्पॉस्बिलिटी होनी आवश्यक है इसके लिए निरंतर प्रयास करने की जरूरत। उन्होंने निर्देश दिए कि फायर सीजन में सिविल फॉरेस्ट की आग को गंभीरता से लेना आवश्यक है इसके लिए राजस्व एवं वन विभाग आपसी समन्वय से कार्य करें। वनाग्नि के दृष्टिगत सूचनाओं के त्वरित आदान-प्रदान हेतु 15 फरवरी से वन विभाग के 24×7 आपदा कन्ट्रोलरूम में ड्यूटी करेंगे। प्रभागीय वनाधिकारी ने बताया कि वनाग्नि की घटनाओं की रोकथाम(Controlling Forest Fire) एवं नियंत्रण हेतु निरंतर जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किये जा रहे है। उन्होंने बताया कि वनाग्नि की घटनाओं को रोकने के लिए ‘‘फारेस्ट फायर उत्तराखण्ड’’ मोबाईल एप्प बनाया गया है जिस पर जनमानस भी वनाग्नि की सूचना दे सकतें है।
समिति की सदस्य पदमश्री डॉ0 कल्याण सिंह रावत मैती ने अपना सुझाव देते हुए कहा कि वनाग्नि की रोकथाम(Controlling Forest Fire) हेतु ग्रामीण स्तर एवं स्कूल स्तर पर प्रशिक्षण एवं जागरूकता कार्यक्रम करने आवश्यक है, जिससे जनमानस को जल एवं जंगल से जोड़ा जा सके। वहीं समिति के सदस्य पर्यावरणविद विनोद प्रसाद जुगलान ने सुझाव देते हुए कहा कि वन क्षेत्रों के आस-पास रहने वाले बाहरी व्यक्तियों का सत्यापन किया जाए। मुख्य विकास अधिकारी अभिनव शाह, प्रभागीय वनाधिकारी नीरज कुमार, अमित धंवर, चकराता अभिमन्यू, अपर जिलाधिकारी प्रशासन जयभारत सिंह, उप निदेशक राजाजी महातिम, समिति के सदस्य डॉ कल्याण सिंह रावत मैती, पर्यावरणविद विनोद प्रसाद जुगलान, उप जिलाधिकारी गौरव चटवाल, अधीक्षण अभियंता लोनिवि जितेन्द्र कुमार त्रिपाठी सहित सम्बन्धित अधिकारी उपस्थित रहे।