उत्तर प्रदेश

हानिकारक: ज्ञान की बातें ,सटीक विश्लेषण. में 60 घंटे से अधिक काम करने पर सेहत खराब होगी

शिवकुमार पाण्डेय गुरूजी/ बीन्यूज हिंदी दैनिक …
तहसील तरबगंज.
आज हम एक दुष्चिंता के युग में जी रहे हैं, जिसमें व्यक्ति के ऊपर कार्य का बोझ बहुत अधिक और आमदनी काफी कम है भारत का संविधान आर्थिक न्याय की बात करता है परंतु हम राजनीतिक रूप से तो स्वतंत्र हैं परंतु आर्थिक न्याय की कल्पना करना शायद अतिशयोक्ति
होगा, एक मिली जानकारी के अनुसार,
आर्थिक सर्वेक्षण में विभिन्न अंतरराष्ट्रीय अध्ययनों का हवाला दिया गया, डेस्क पर 12 घंटे से अधिक समय बिताना मानसिक स्वास्थ्य के लिए अच्छा नहीं
हाल ही में हफ्ते में 90 घंटे काम किए जाने को लेकर जमकर बहस छिड़ी थी। इसी को लेकर आर्थिक समीक्षा में चेताया गया है। सर्वेक्षण में कई अध्ययनों का हवाला देते हुए कहा गया कि सप्ताह में 60 घंटे से अधिक काम करने से स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है।
सर्वेक्षण के मुताबिक, डेस्क पर लंबे समय तक रहना मानसिक स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है। जो व्यक्ति डेस्क पर 12 या अधिक घंटे (प्रति दिन) बिताते हैं, उन्हें मानसिक परेशानियों से जूझना पड़ सकता है। सर्वेक्षण में कार्य से जुड़े रोगों के बारे में पेगा एफ, नफ्राडी बी (2021) और विश्व स्वास्थ्य संगठन और अंतरराष्ट्रीय श्रम संगठन के विश्लेषणों का हवाला दिया गया है। इनमें बताया गया है कि काम पर बिताए गए घंटों से आमतौर पर उत्पादतका का पैमाना मापा नामा जाता है, लेकिन पिछले अध्ययन में पाया गया कि सप्ताह में 55-60 घंटे से अधिक काम करने का सेहत पर प्रतिकूल असर हो सकता है।
अवसाद से काफी नुकसान विश्व स्वास्थ्य संगठन के एक अध्ययन का हवाला देते हुए कहा गया है कि वैश्विक स्तर पर अवसाद और चिंता के कारण प्रतिवर्ष लगभग 12 अरब दिन बेकार हो जाते हैं, जिससे एक ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर का वित्तीय नुकसान होता है। रुपये के संदर्भ में, यह प्रति दिन लगभग 7,000 रुपये बैठता है।
अवसाद से बचें,
और अपने अंदर जीने की कला को विकसित करें जांच एजेंसी दिल्ली की सर्वे के रिपोर्ट के अनुसार जनहित में जारी

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