किसी भी सूरत में वकीलों के प्रति अन्याय बर्दाश्त नहीं, बार और बेंच मिलकर न्यायालय बनता है परंतु वकीलों के कार्य को टारगेट, हस्तक्षेप कर न्यायपालिका का एकाधिकार
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शिवकुमार पाण्डेय गुरूजी/ बी न्यूज हिंदी दैनिक
तहसील तरबगंज..
किसी भी देश का विकास तक तक नहीं हो सकता जब तक की उसमें अच्छे नागरिक ना हो ,अच्छा प्रशासन ना हो, लोकतांत्रिक देश के अंदर भेदभावपूर्ण व्यवहार किया जाता है तो लोकतंत्र का गला घोटने का कुत्सित प्रयास होता है। इसी परिप्रेक्ष्य में आज तरबगंज तहसील में वकील संघ ने मिलकर सरकार विरोधी नारे लगाए,
जो हमसे टकराएगा, चूर-चूर हो जाएगा। अधिवक्ता संघ ने केंद्र की मोदी सरकार पर अधिवक्ता अधिनियम 1961 का कानून संशोधन कर नया कानून लाने का लाने की तैयारी कर रही है और सरकार ने इसके लिए पूर्ण रूप से कमर कस लिया है यह संशोधन बिल 20 का ड्राफ्ट तैयार कर लिया गया है सरकार इस कदम के माध्यम से न्यायपालिका और बार के बीच के संबंध को बहुत बड़ी खांई तैयार करने की कोशिश कर रही है ,इसी परिप्रेक्ष्य में आज तहसील तरबगंज में सरकार विरोधी नारों के साथ-साथ जमकर हंगामा हुआ और क्लाइंट के कार्यों का बहिष्कार भी हुआ कई क्लाइंट को तहसील परिसर से वापस जाना पड़ा और कार्य संपूर्ण रूप से बहिष्कृत किया गया इस मौके पर शिव शंकर मिश्रा एडवोकेट, प्राण शंकर एडवोकेट, कैलाश नाथ पांडे ,ओपी सिंह, देवमणि तिवारी जी और वरिष्ठ अधिवक्ता गणों का समूह मौजूद रहा और सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि यदि इस बिल में संशोधन किया गया तो हम किसी भी सूरत में शांत नहीं बैठेंगे और विश्व आंदोलन का एक प्रारूप सरकार के खिलाफ खड़ा हो जाएगा ,
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