महाकुम्भ में दिनांक २१जनवरी २०२५ तक १०००००(एक लाख) लोगो को अपना आत्मसाक्षात्कार प्राप्त हुआ, समाज के सुधार मे सहजयोग का विशेष योगदान- अजय भट्ट- मेला नोडल अधिकारी।
महाकुम्भ नगर २४ जनवरी
बीके यादव/बालजी दैनिक
ध्यान किया नहीं जा सकता हम ध्यान की स्थिति में चले जाते हैं—श्रीमति बबिता
बीके यादव/बालजी दैनिक
सकारात्मक सोच,सुख, शांति व मानसिक तनाव मुक्त जीवन शैली के लिए महाकुम्भ २०२५ में चल रहे सहजयोग आज का महायोग” के शिविर में पी•ए•सी•कैम्प, आई•टी•बी•पी•कैम्प, बी•एस•एफ•कैम्प, सी•आई•एस•एफ•कैम्प, पुलिस अकादमी कैम्प,एन•सी•सी•कैम्प, में दिनांक २१जनवरी २०२५ तक विभिन्न शिविरों मे सहजयोग ध्यान की विस्तृत जानकारी देते हुए सहजयोग के मेला नोडल अधिकारी अजय भट्ट और मेला पंडाल इंचार्ज श्रीमती बबिता ने बताया कि सहजयोग के नियमित ध्यान से हमारे मनोवैज्ञानिक, शारीरिक, आध्यात्मिक समझ मे सुधार होता है, मानसिक संतुलन और निरोग शरीर मिलता है, ध्यान किया नहीं जा सकता हम ध्यान की स्थिति में चले जाते हैं, यह एक स्वतः होने वाली प्रक्रिया है, व्यक्ति के विचार या तो भूतकाल में रहते हैं या भविष्य काल में, जब हम अत्यधिक भूतकाल या भविष्य काल के विचारों में चले जाते हैं तो हमारे शरीर में तनाव आ जाता है और हमें शारीरिक, मानसिक, और आध्यात्मिक असंतुलन आ जाता है।
वही अजय भट्ट ने बताया कि श्री माताजी निर्मला देवी द्वारा बताएं सहजयोग ध्यान करने से हम स्वयं ही निर्विचार अवस्था को प्राप्त कर जाते हैं और वर्तमान की स्थिति में आ जाते हैं, आज के इस युग मे सकारात्मक सोच के लिए सहजयोग-ध्यान बहुत ही कारगर है।
भट्ट का कहना है कि श्री माताजी निर्मला देवी ने 5 मई 1970 से गुजरात नारगोल से सहजयोग की शुरुआत की थी, आज विश्व के 150 से ज्यादा देशों के लाखों लोग सहजयोग ध्यान का लाभ प्राप्त कर रहे हैं यह एक स्वतः होने वाली प्रक्रिया है जिसमें हम शरीर में उपस्थित तीनों नाड़ियां इड़ा, पिंगला, सुषुम्ना व सात चक्रों में कुंडलिनी जागरण से संतुलन प्राप्त करते हैं।
सहज योग 10 जनवरी से 26 फरवरी तक सभी साधकों को निःशुल्क ध्यान और आत्म-साक्षात्कार देगा। 1500 से अधिक सहज योग अभ्यासकर्ता जो शिक्षक, इंजीनियर, डॉक्टर, आईएएस अधिकारी, सैन्य अधिकारी और मानव संसाधन हैं, नए साधकों को आत्म-साक्षात्कार का अनुभव देने के लिए उपस्थित रहेंगे।
10 जनवरी से 19 जनवरी के बीच 1 लाख से अधिक साधकों ने प्रयागराज महाकुंभ में सहज योग तम्बू में आत्म-साक्षात्कार प्राप्त किया है।
अंत में उपस्थित सभी साधको को कुंडलिनी जागृति के अपने आत्म-साक्षात्कार की सुंदर अनुभूति हुई।
इस अवसर पर शरद चौहान, चन्द्रकांत, मेजर अमर सिंह चंदेल,आदि दर्जनों लोग मौजूद थे।