उत्तर प्रदेशबरेली

चौधरी तालाब पर 456 वर्षों से होने बाली रामलीला का शुभारंभ

बरेली। महारानी लक्ष्मीबाई रामलीला समिति चौधरी मोहल्ला बरेली के तत्वाधान में विगत 456 वर्षों से होने वाली श्री रामलीला के 457 मेले के शुभारंभ से पूर्व चौधरी तालाब रामलीला स्थल पर एक पत्रकार वार्ता का आयोजन किया गया जिसमे रामलीला समिति के अध्यक्ष पं रामगोपल मिश्रा ने बताया कि विगत 456 वर्ष जिसमे बिहार के मधुवनी जिले व अयोध्या धाम से आये हुए कलाकारों द्वारा रामलीला का मंचन किया जाएगा जोकि 18 दिन तक चलेगा।

27 सितंबर के सांय 7 बजे श्री गणेश पूजन के साथ मेले का विधिवत शुभारम्भ उत्तर प्रदेश सरकार के मंत्री मा० डा० अरुण कुमार, बरेली के यशस्वी महापौर डा.उमेश गौतम के द्वारा किया जायेगा। जिसमें बरेली की जिला पंचायत अध्यक्ष श्रीमती रश्मि पटेल, भाजपा के क्षेत्रीय अध्यक्ष श्री दुर्विजय सिंह शाक्य, विधान परिषद सदस्य मा०‌श्री बहोरन लाल मौर्य जी, मि अलखनाथ मन्दिर के महंत श्री कालू गिरिजी महाराज, मठतुलसी स्थल के महंत भी नीरज नयन दास जी महाराज जिला अध्यक्ष श्री पवन शर्मा, श्री अधीर सक्सेना, श्री आदेश प्रताप सिंह सहित कई गणमान्य अतिथियों की गरिमामयी उपस्थित रहेगी। समिति अध्यक्ष राम गोपाल मिश्रा ने बताया कि भारत बर्ष की सबसे प्राचीन रामलीलाओं में से एक इस रामलीला की अनेकों विशेषतायें हैं जैसे यह रामलीला कि तुलसीकृत रामायण श्री राम चरित मानस पर आधारित होती है, इसका आयोजन तीन स्थानों पर होता है तथा गंगा नदी पार की रामलीला का मंचन बाकायदा तालाब के अन्दर नाव पर बैठकर भी राम व निषाद राज केवट के मंचन के साथ किया जाता है। है। श्री राम विवाह के आयोजन के समय सीता माता (जानकी) विवाह से पूर्व सुहाग माँगने सखियों के साथ। गौरी माता के मन्दिर में जाती है उसके लिए रानी साहिबा तथा राजा बसंतराव के पूर्वजों द्वारा रामलीला मैदान के बराबर में ही ”गौरी माता मन्दिर” का निर्माण भी लगभग 400 वर्षों पूर्व कराया गया था जो भरा भी निर्मित है तथा वहीं परम्परा आज भी चल रही है इसके आगे की रामलीला का मंचन बनवास काल का बड़ा बाग स्थित रामलीला मैदान पर किया जाता है वहीं पर “विराट दशहरा मेला” का आयोजन भी किया जाता है जिसमें लंका दहन के साथ-साथ राम-रावण युद्ध के बाद रावण, कुम्भकरण व मेघनाथ का पुतला दहन किया जाता है। दशहरा मेला के दौरान विशेष- आतिशबाजी का प्रदर्शन भव्यता, दिव्यता के साथ होता है तथा राम-सीता मिलन था आयोजन होता है। उपरोक्त कार्यक्रम के उपरान्त अगले दिन भगवान श्री राम जब बन से वापर अयोध्या आते हैं तब का वह आयोजन भी उसी के अनुरूप शहर के प्रमुख मागर्मी के भगवान श्री राम की शोभा यात्रा का भ्रमण होते हुये भरत मिलाप का आयोजन । कार्यकम उपरोक्त रामलीला के तृतीय स्थान चौधरी मोहल्ला स्थित श्री रानी साहब के फाटक पर किया जाता है। इस प्रकार इस ऐतिहाणिक रामलीला का समापन भगवान श्री राम के राज्याभिषेक (राजतिलक) के साथ फाटक रानी साहब चौधरी मोहल्ला बरेली पर विधि-विधान के जाथ किया जाता है। इस प्रकार यह रामलीला अपनी प्राचीनक के साथ-साथ अनेक प्रकार से अपनी ऐतिहासिकता को प्रदर्शित व प्रभावित करती है।

प्रेसवार्ता में समिति के उपाध्यक्ष श्री हरीश शुक्ला, घनश्याम मिश्रा, प्रदीप नरायन बाजपेई, विजय मिश्रा, महामेची शिव नारायन दीक्षित, महा प्रबंधक श्रेयांश बाजपेई, कोषाध्यक्ष प्रभू नरायन तिवारी .मंत्री धीरेंद्र शुक्ला, उपमंत्री आदित्यनरायन मिश्रा, बृजेश प्रताप सिंह, कृष्ण चन्नु दीक्षित, भंडारी अभिषेक मिश्रा छन्ने मीडिया प्रभारी यश चौधरी नवीन किया और को विशेष उपस्थिति तथा विशेष सहयोग रहा।

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