गोंडा

पढ़ाई कराने के बजाय बच्चों से कराया जा रहा साफ-सफाई का काम

विद्यालय में बच्चों से झाड़ू लगवाने को लेकर ग्रामीणों में रोष,अध्यापक पर गंभीर आरोप

 

 

 

अनिल कुमार द्विवेदी

बी न्यूज दैनिक

 

 

गोण्डा। जिले के हलधरमऊ शिक्षा क्षेत्र के प्राथमिक विद्यालय दत्तनगर में शिक्षा विभाग को शर्मशार करने वाला मामला सामने आया है। जहां बच्चों से झाड़ू लगवाने का वीडियो वायरल होने के बाद ग्रामीणों में भारी आक्रोश है। अध्यापक पर आरोप है कि पढ़ाई कराने के बजाय बच्चों को साफ-सफाई के काम में लगाया जा रहा है। यह ना केवल शिक्षा के अधिकार का उल्लंघन है,बल्कि बाल श्रम की श्रेणी में भी आता है,जो कानूनन गलत है। इस मामले को लेकर प्रधान प्रतिनिधि ने भी अपनी आवाज उठाई और विद्यालय में चल रही मिड डे मील योजना में अनियमितताओं का गंभीर आरोप लगाया है। उनके मुताबिक बच्चों को खाने में खराब और अशुद्ध भोजन परोसा जा रहा है,जिससे बच्चों के स्वास्थ्य पर भी असर पड़ सकता है। ग्रामीणों का कहना है कि यह स्कूल प्रशासन और अध्यापक की पूरी तरह से उदासीनता और लापरवाही को दर्शाता है। इस घटना ने शिक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं और लोगों ने मामले में जल्द कार्रवाई की मांग की है। इसके अलावा विद्यालय में मिड डे मील (मध्याह्न भोजन) में भी अनियमितताएं पाई गई है,जहां बच्चों को शुद्ध और पौष्टिक भोजन के बजाय खराब गुणवता वाला भोजन परोसे जाने का आरोप लगा है। यह गंभीर मामला शिक्षा प्रणाली के प्रति स्कूल प्रशासन की उदासीनता को दर्शाता है।

 

बच्चों से पढ़ाई की जगह झाडू लगवाने की घटना अध्यापक की गैर-जिम्मेदाराना हरकत

 

प्राथमिक विद्यालय दत्तनगर में बच्चों को शिक्षित करने की बजाय उनसे झाड़ू लगवाने का मामला तब सामने आया जब कुछ ग्रामीणों ने स्कूल के अंदर चल रही इस अमानवीय गतिविधि को देखा। विद्यालय में पढ़ने आए बच्चों को हाथों में किताबे पकड़ने के बजाय झाडू थमाया जा रहा था। जो न सिर्फ बच्चों के शिक्षा के अधिकार का उल्लंघन है कि बाल श्रम जैसे गंभीर अपराध की श्रेणी में जाता है। यह घटना इस बात की ओर इशारा करते है कि विद्यालय का प्रशासन और वहां अध्यापक शिक्षा की मूलभूत जिम्मेदारी को तरह से नजरअंदाज कर रहे हैं। बता दें कि बच्चों को स्कूल में पढ़ाई के लिए भेजा जाता है ताकि उनका बौद्धिक विकास हो सके,लेकिन इसके विपरीत यहां उनसे शारीरिक श्रम करवाया जा रहा है। इस घटना ने अभिभावकों के साथ-साथ ग्रामीणों को भी झकझोर कर रख दिया है।

 

मिड डे मील में अनियमितताएँः बच्चों को परोसा जा रहा है अशुद्ध और खराब खाना

 

अध्यापक की अमानवीयता का यह मामला सिर्फ झाड़ू लगवाने तक सीमित नहीं रहा,मिड डे मील की गुणवता को लेकर भी गंभीर सवाल उठाए जा रहे हैं। विद्यालय में मिड डे मील योजना के तहत बच्चों को पोष्टिक और स्वच्छ भोजन परोसने की जिम्मेदारी है,लेकिन यहां स्थिति इसके बिल्कुल विपरीत है। प्रधान प्रतिनिधि ने आरोप लगाया है कि बच्चों को शुद्ध और पौष्टिक भोजन की जगह खराब और अशुद्ध खाना परोसा जा रहा है, जो उनकी सेहत के लिए घातक साबित हो सकता है।

 

प्रधान प्रतिनिधि का आरोपः स्कूल प्रशासन और अध्यापक की उदासीनता

 

प्रधान प्रतिनिधि ने इस मामले में गहरी चिंता जताते हुए कहा है कि स्कूल प्रशासन और अध्यापक बच्चों की शिक्षा के प्रति पूरी तरह से उदासीन है। उन्होंने आरोप लगाया कि बच्चों से ना केवल झाड़ू लगवाया जा रहा है, बल्कि उन्हें मिड डे मील के नाम पर घटिया गुणवत्ता वाला भोजन दिया जा रहा है। यह स्थिति विद्यालय में शिक्षा की गुणवत्ता के साथ-साथ बच्चों के स्वास्थ्य के लिए भी हानिकारक साबित सकती है। प्रधान प्रतिनिधि ने यह भी कहा कि उन्होंने इस मामले को उच्चाधिकारियों तक पहुंचाया है और उम्मीद जताई है कि जल्द ही इस पर उचित कार्रवाई की जाएगी।

 

शिक्षा प्रणाली पर गंभीर सवाल, ग्रामीणों में नाराजगी

 

इस घटना के बाद ग्रामीणों में भी काफी आक्रोश है। ये इस बात को लेकर चिंतित हैं कि जिन बच्चों को स्कूल में शिक्षा ग्रहण करनी चाहिए,उनसे स्कूल के अध्यापक द्वारा झाड़ू लगवाने जैसे अमानवीय कार्य करवाए जा रहे हैं। ग्रामीणों का कहना है कि यह शिक्षा प्रणाली और विद्यालय प्रशासन पर गंभीर सवान खड़े कर रहा है। यदि बच्चों की शिक्षा के अधिकार को इस तरह से नजरअंदाज किया जाएगा तो उनका भविष्य कैसे उज्जवल हो सकेगा?

 

अभिभावकों ने दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की उठाई मांग

 

इस गंभीर मामले के बाद अभिभावकों और ग्रामीणों ने एक स्वर में इस मामले की गहन जांच कराकर दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की मांग की है। वहीं ग्रामीणों ने शिक्षा विभाग से अपील की है कि विद्यालय में हो रही इन अनियमितताओं को तत्काल रोका जाय और बच्चों के साथ हो रहे इस तरह के अमानवीय व्यवहार पर अंकुश लगाया जाय। उनका कहना है कि यदि दोषियों शीघ्र सजा नहीं मिली,तो बच्चों का भविष्य और उनकी शिक्षा दोनों खतरे में पड़ जाएंगे।

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