झारखण्ड

झारखंड एकेडमिक फोरम (J.A.F.) द्वारा “झारखंड में महिलाओं की स्थिति : दशा और दिशा” विषय पर ऑनलाइन परिचर्चा का आयोजन

झारखंड एकेडमिक फोरम (J.A.F.) द्वारा आयोजित मतदाता-जागरुकता अभियान “हमार झारखंड, जोहार झारखंड” के तहत “झारखंड में महिलाओं की स्थिति : दशा और दिशा” विषय पर एक महत्त्वपूर्ण ऑनलाइन चर्चा सफलतापूर्वक संपन्न हुई। इस कार्यक्रम के संयोजक में रूप में दिल्ली विश्वविद्यालय के वरिष्ठ प्रोफेसर व झारखंड एकेडमिक फोरम के संस्थापक प्रो. निरंजन कुमार, मुख्य वक्ता के रूप में लेडी श्रीराम कॉलेज फ़ॉर वीमेन, दिल्ली विश्वविद्यालय की सहायक प्रोफ़ेसर प्रिया शर्मा व विशिष्ट वक्ता के रूप में एस. के. एम विश्वविद्यालय, झारखंड की सहायक प्रोफ़ेसर डॉ.शर्मिला सोरेन की उपस्थिति रही।

कार्यक्रम में वक्ताओं ने झारखंड में महिलाओं की वर्तमान सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक स्थिति का गहन विश्लेषण किया। वक्ताओं ने राज्य में महिला सशक्तिकरण की चुनौतियों, अवसरों और वर्तमान व पूर्व की सरकारों द्वारा उठाए गए नीतियों व कदमों पर अपने विचार व्यक्त किए। और प्रदेश के समग्र विकास के लिए सभी महिलाओं की भूमिका पर जोर दिया।

कार्यक्रम के संयोजक प्रो. निरंजन कुमार ने विषय प्रवर्तन में झारखंड में महिलाओं की वर्तमान स्थिति पर चिंता व्यक्त करते हुए महिलाओं के खिलाफ हो रहे अपराधों के गंभीर आधिकारिक आंकड़ों को प्रस्तुत किया। उन्होंने शिवानी मरांडी के मामले का उदाहरण देते हुए विदेशी घुसपैठियों द्वारा जनजातीय महिलाओं से विवाह करके उनकी संपत्ति और अधिकारों को हड़पने के मुद्दे को भी सामने रखा। अंत में झारखंड में महिलाओं के उत्थान के लिए शिक्षा, रोजगार, सामाजिक सहयोग और दृढ़ संकल्पित राजनीतिक इच्छाशक्ति की आवश्यकता पर बल दिया।

मुख्य वक्ता के रूप में डॉ प्रिया शर्मा ने झारखंड में महिलाओं के अधिकार, उनके सामने आने वाली चुनौतियों और उनकी प्रगति के मुद्दों पर विचार साझा करते हुए पूर्व की भाजपा सरकार में महिलाओं के कौशल विकास के लिए लाए गए महत्वपूर्ण योजना “रानी मिस्त्री योजना” की सराहना की और वर्तमान झामुमो सरकार की महिलाओं के प्रति उदासीन रवैये व नीतियों पर कठघरे में खड़ा किया।
प्रश्नचिह्न उठाया।

विशिष्ट वक्ता डॉ. शर्मिला सोरेन ने महिला सशक्तिकरण और झारखंड के आदिवासी समाज में महिलाओं की भूमिका पर चर्चा करते हुए महिलाओं में साक्षरता की कमी और स्वास्थ्य संबंधी गंभीर मुद्दों पर अपने विचार साझा करते हुए वर्तमान सरकार की नीति- रीति पर सवाल उठाए।

कार्यक्रम में झारखंड से जुड़े प्रोफेसर्स,पत्रकारों, शिक्षकों, शोधार्थियों, विद्यार्थियों व विभिन्न क्षेत्रों से जुड़े लोगों की सहभागिता रही। कार्यक्रम की सफलता ने इस बात का संकेत दिया कि झारखंड से जुड़े लोगों में अपने राज्य में महिलाओं की दशा और दिशा को सुधारने के लिए जागरूकता और उत्साह है।

झारखंड एकेडमिक फोरम (J.A.F.) का उद्देश्य झारखंड के विकास और प्रगति के लिए जागरूकता अभियान चलाना है।यह फोरम झारखंड राज्य के चौमुखी हेतु दृढ़ संकल्पित संस्था है।राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ख्यातिलब्ध प्रोफेसर्स, विचारक व विषय-विशेषज्ञों का यह समूह पिछले एक महीने से विधानसभा चुनाव में आम जनता के साथ संवाद स्थापित करते हुए उन्हें मतदान की दृष्टि से जागरूक करने का कार्य कर रहा है ।

अंत में धन्यवाद ज्ञापन मिरांडा हॉउस महाविद्यालय की अतिथि शिक्षक डॉ जागृति ने व कार्यक्रम का कुशल संचालन डॉ. प्रियंका वार्ष्णेय ने किया।

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