भारत से भारत को जोड़ने और भारत की संस्कृति को समझने का पर्व ही कुंभ है ।
ज्योतिषपीठ के शंक़राचार्य अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती का कुंभ में मंगलप्रवेश 9 जनवरी को :
मुकुंदानंद ब्रह्मचारी शिविर प्रभारी शंकराचार्य शिविर ज्योतिर्मठ बद्रिकाश्रम
11सौ विद्वान पुरोहितों द्वारा 324 कुण्डीय महायज्ञ होगा सम्पन्न
27 विषयो पर 27 दिनों तक धर्म संसद का आयोजन
महाकुंभ नगर, ०४ जनवरी
बीके यादव/बालजी दैनिक
हर 6 वर्ष में अर्धकुंभ, 12 वर्ष में कुंभ और 12 कुंभ बीतने के उपरांत 144 वर्षों में महाकुंभ का पर्व होता है, जो इस सदी में हमें दर्शन और स्नान हेतु प्राप्त हुआ है । अर्थात् वर्तमान समय संपूर्ण विश्व के सनातनी, वैदिक, हिन्दू धर्म के लिए सौभाग्य है ।
इस कुंभ महापर्व से मानवता और विश्व कल्याण की कामना करने वाले परमाराध्य परमधर्माधीश उत्तराम्नाय ज्योतिषपीठाधीश्वर बद्रिकाश्रम हिमालय जगदगुरु शंकराचार्य स्वामीश्री अविमुक्तेश्वरानंद: सरस्वती 1008, कुंभ में मंगलम् प्रवेश दिनांक 9 जनवरी 2025 को करेगे। पूज्यश्री इस परम् पवित्र महापर्व को विशिष्ठता प्रदान करने हेतु ही परम् धर्म संसद का आयोजन कर रहे है, जो 27 दिन तक चलेगी इस धर्म संसद में नीतिगत-धर्मगत-राष्ट्रगत निर्णय के उपरांत प्रतिदिन धर्मादेश जारी किया जाएगा, यह धर्मादेश भारत में धर्म और राष्ट्र के सबलता का आधार बनेगा ।
धर्म संसद के 27 विषय निर्धारित है, जिनपर प्रतिदिन चर्चा होगी ।तात्कालिक परिस्थितियों को देखते हुए अन्य महत्वपूर्ण विषय भी चर्चा में समाहित किये जा सकेगे ।धर्म संसद का आरंभ दिनांक 10 एवं 11 जनवरी को गो संसद के रूप में होगा तदुपरांत धर्म संसद में अन्य 26 विषय समाहित होगे, धर्म संसद निरंतर 11 फ़रवरी 2025 तक चलेगी।
शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती जी द्वारा गो माता की रक्षा हो और हिंदुओ का कल्याण हो इस हेतु कुंभ में पहली बार 324 कुंडीय महायज्ञ का आयोजन भी किया जा रहा है । 1100 विद्वान् पुरोहितों द्वारा यह अद्भुत महायज्ञ संपन्न होना है ।
ज्ञात हो कि भारत में मूल नस्ल की देशी गो माता (रामा गाय) पर आज संकट है इस गो प्रधान देश में मात्र 53 नस्ल की ही गो माता आज शेष है, संपूर्ण राष्ट्र की जनता उन गो माता के दर्शन का लाभ पूज्यश्री शंक़राचार्य जी के कुंभ प्रयाग शिविर में कर सकेगे जिसकी व्यवस्था की जा रही है ।
धर्मसंसद् 1008 की संरचना को भव्यता प्रदान करते हुए उसके स्वरूप का निर्धारण किया गया है, जिसके अनुसार 543 संसदीय क्षेत्रों से गो प्रतिनिधि(गो संसद), 170 सन्त-विद्वान्, 99 देशों से धर्मप्रतिनिधि, 8 परमधर्मांसद, 8 अन्यधर्मांसद, 108 धर्माचार्य/संस्थाप्रतिनिधि, (4) शंकराचार्य या उनके पीठों के प्रतिनिधि, 4 धामों के प्रतिनिधि, 7 धर्मपुरियों के प्रतिनिधि, 12 ज्योतिर्लिंगों के प्रतिनिधि, 13 अखाडों के प्रतिनिधि, 51 शक्तिपीठों के प्रतिनिधि, 5 वैष्णवाचार्यों के प्रतिनिधि, 12 धर्मसंस्थाओं के प्रतिनिधि), 36 धर्मसेवाप्रमुख/प्रभारी/सुयोजक, 36 राजनैतिक दलों के प्रतिनिधि शामलित होगा इस प्रकार कुल 1008 आसनों की संख्या से सुसज्जित होगी धर्म संसद।जैसे माला में सुमेरु सबसे ऊपर शोभायमान होता है पर गिना नहीं जाता। उसी तरह इस धर्मसंसद् 1008 में प. परमधर्माधीश ज्योतिष पीठाधीश्वर जगद्गुरु शंक़राचार्य स्वामी श्री अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती 1008, शोभायमान होंगे।
पूज्य शंकराचार्य जी की कुंभ प्रवेश मंगलम यात्रा दिनांक 9 जनवरी 2025 को पथरचट्टी रामलीला मैदान से घंटाघर चौराहे से मुट्ठीगंज बड़ा चौराहा होते हुए कुंभ की पावन पवित्र धरा, गंगा तट पर निर्मित श्री ज्योतिषपीठ शंकराचार्य शिविर मोरी मार्ग सेक्टर 19 तक निकलेगी ।
गंगा माता की पवित्रता को बचाने रीवर-सीवर को अलग करने, गंगा को राष्ट्र नदी घोषित करने का सार्थक यत्न, रामसेतु के संरक्षण के लिए आंदोलन, राम जन्मभूमि की मुक्ति हेतु आंदोलन-मुक़दमे में गवाही और विधि विपरीत प्राण प्रतिष्ठा हेतु मुखरता, काशी में प्रचीन मन्दिरो के विध्वंस के विरोध हेतु सदैव ही निस्पक्षता और प्रखरता से डटे रहने वाले जिन्होंने नंगे पॉव गोवर्धन गिरिराज जी की प्रदीक्षणा कर दिल्ली संसद भवन तक की यात्रा की, भारत के सभी राज्यो में गो ध्वज स्थापना करते हुए संपूर्ण देश की प्रदीक्षणा करने वाले पूज्यश्री शंक़राचार्य जी की प्रवेश शोभायात्रा की भव्यता और दर्शन हेतु समस्त सनातन, वैदिक, हिन्दू सादर आमंत्रित है ।
पूज्यश्री के प्रयाग कुंभ शिविर में मात्र उन्हें ही प्रवेश होगा जिन्होंने गो हत्या बंद करने के संकल्प स्वरूप गो मतदाता की शपथ ली होगी/शपथ लेगे ।मुकुंदानंद ब्रह्मचारी
शिविर प्रभारी – श्री शंकराचार्य शिविर,ज्योतिर्मठ,बद्रिकाश्रम
देवेंद्र पांडेय परम् धर्मसंसद ‘1008’ संसदीय सचिव।