उत्तर प्रदेशप्रयागराज

आचार्य महामंडलेश्वर किन्नर अखाडा पद से हटाए गए लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी

महाकुंभ नगर ३१जनवरी
बीके यादव/बालजी दैनिक

शुक्रवार को किन्नर अखाडा के के संस्थापक ऋषि अजय दास ने प्रेस वाताॅ कर बताया कि किन्नर अखाड़े का संस्थापक होने के नाते आज आपको यह विदित करते हुए जानकारी देता हूं कि किन्नर अखाड़े के 2015-16 उज्जैन कुंभ में मेरे द्वारा नियुक्त आचार्य महामंडलेश्वर लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी को मैं आचार्य महामंडलेश्वर किन्नर अखाड़ा पद के पद से मुक्त करता हूं शीघ्र इन्हें लिखित सूचना दे दी जावेगी,क्योंकि जिस धर्म प्रचार प्रसार व धार्मिक धर्म कांड के साथ ही किन्नर समाज के उत्थान इत्यादि की आवश्यकता से उनकी नियुक्ति की गई थी.यह उस पद से सर्वदा भटक गए हैं इन्होंने इन्होंने मेरी बिना सहमति जूना अखाड़ा के साथ एक लिखित अनुबंध 2019 के प्रयागराज कुंभ में किया जो की अनैतिक ही नहीं एक प्रकार की 420 है. बिना संस्थापक के सहमति एवं हस्ताक्षर के जूना अखाड़ा एवं किन्नर खड़ा के बीच का अनुबंध विधि अनुकूल नहीं है.अनुबंध में जूना अखाड़े ने किन्नर अखाड़ा संबोधित किया है इसका अर्थ यह है किन्नर अखाड़ा 14 अखाड़ा, उन्होंने स्वीकार किया तो इसका अर्थ यह है कि सनातन धर्म में अपितु 14 अखाड़े मान्य है यह बात अनुबंध से स्वयं सिद्ध है
आचार्य महामंडलेश्वर तथा कथित ने और असंवैधानिक ही नहीं अपितु सनातन धर्म व देशहित को छोड़कर ममता कुलकर्णी जैसे देशद्रोह के मामले में लिप्त महिला जो की फिल्मी ग्लैमर से जुड़ी हुई है उसे बिना किसी धार्मिक व अखाड़े की परंपरा को मानते हुए वैराग की दिशा के बजाय सीधे महामंडलेश्वर की उपाधि व पट्टा अभिषेक कर दिया जिस कारण से मुझे आज बेमन से मजबूर होकर देश हित,सनातन व समाज हित में इन्हें पदमुक्त करना पड़ रहा है.
किन्नर अखाड़े के नाम का अवैधानिक अनुबंध जो जूना अखाड़े के साथ कर किन्नर अखाड़े के प्रतीक चिन्हो को भी क्षत विक्षत किया गया है, यह लोग न तो जूना अखाड़े के सिद्धांतों के अनुसार चल रहे हैं न किन्नर अखाड़े के सिद्धांतों के. उदाहरण के लिए किन्नर अखाड़े के गठन के साथ ही वैजयंती माला गले में धारण कराई गई थी जो श्रृंगार की प्रतीकात्मक है परंतु इन्होंने उसे त्याग कर रुद्राक्ष की माला धारण कर ली जो कि संन्यास का प्रतीक है संन्यास बिना मुंडन संस्कार के मान्य नहीं होता. इस प्रकार यह सनातन धर्म प्रेमी एवं समाज के साथ एक प्रकार का छलावा कर रहे हैं अतः आज मेरे द्वारा प्रेस वार्ता के माध्यम से यह सब जानकारी जनहित में धर्म हित में देना आवश्यक था

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