लाल मेरी पत रखियो बला झूले लाल… दमादम मस्त कलंदर
प्रयागराज
12.12.2024
बीके यादव/ बालजी दैनिक
एक ही स्थान पर देश भर के पारंपरिक पहनावे, राजस्थान की स्वादिष्ट जलेबी और लखनवी बिरयानी तो कहीं ड्राइंग रूम को सजाने के लिए लकड़ी और विभिन्न धातुओं के कलात्मक आइटम तो कहीं महिलाओं के सजने संवरने का सामान। यहां माहौल ही ऐसा है कि तन-मन उमंग से भर उठता है। एनसीजेडसीसी (उत्तर मध्य क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र) में लगे राष्ट्रीय शिल्प मेले में आने वाले शहरियों की जुबां पर लगभग ऐसे ही शब्द हैं जो मेले की रोशनी में और जगमगाहट ला रहे हैं। विभिन्न राज्यों से आए शिल्पकारों के स्टाल तो शाम को सांस्कृतिक कार्यक्रम शहरवासियों को खूब भा रहे रहे हैं।
गुरुवार को मुक्ताकाशी मंच पर प्रयागराज से रंजीता श्रीवास्तव ने भजन रघुवर झूल रहे अपनी उमंग में,सिया जी के संग में ना तथा कान्हा बरसाने में आ जइयो, बुलाई गई राधा प्यारी से सुरों का जादू चलाया तो पंडाल भक्तिमय होकर राधे-राधे के जयकारों से गूंज उठा। इसी क्रम में जलज श्रीवास्तव एवं दल ने नियत-ए- शौक़ गर न जाए कहीं हमको किसके गम ने मारा, आज जाने की जिद ना करो और दमा दम मस्त कलंदर व छाप तिलक सब छीनी की पेश कर श्रोताओं को आन्नदित किया।
लोकनृत्यों पर झूमे दर्शक- विभिन्न राज्यों से आए कलाकारों ने परंपराओं के पंखों पर लोकनृत्य की उड़ान भर कर पंडाल में बैठे दर्शकों का खूब मनोरंजन किया। नृत्यों की कड़ी में पंजाब से आए अमरेंद्र सिंह एवं साथी कलाकारों ने भांगड़ा नृत्य प्रस्तुत कर दर्शकों में जोश भर दिया। आशा देवी एवं दल द्वारा झूमर नृत्य की प्रस्तुति देकर खूब तालियां बटोरी। इसी क्रम में पांचाली और साथी कलाकारों ने त्रिपुरा का होजागिरी नृत्य की प्रस्तुति देकर लोगों को मंत्रमुग्ध किया । वही मथुरा से आए नरेन्द्र शर्मा एवं दल द्वारा ब्रज के लोकनृत्य की प्रस्तुति पर दर्शक मग्न होकर झूमते रहे। कोलकाता से आए हरेकृष्ण एवं दल द्वारा, ढोल, खंजीरा के साथ खोल वादन की प्रस्तुति दी। कार्यक्रम का संचालन अभिजीत मिश्रा ने किया।