उत्तर प्रदेशप्रयागराज

भूमि प्रबंधन तकनीक एवं बंजर भूमि सुधार तीन दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम

प्रयागराज 11 दिसंबर

बीके यादव बालजी दैनिक

भा.वा.अ.शि.प.-पारिस्थितिक पुनर्स्थापन केन्द्र, प्रयागराज द्वारा सतत भूमि प्रबंधन उत्कृष्ठता केन्द्र, देहरादून से प्रायोजित “सतत भूमि प्रबंधन तकनीक एवं भूमि क्षरण तटस्थता हेतु दृष्टिकोण” विषय पर तीन दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम दिनांक 10-12 दिसम्बर, 2024 का शुभारम्भ मुख्य अतिथि तुलसीदास शर्मा, वन संरक्षक, प्रयागराज के दीप प्रज्जवलन के साथ किया गया। केन्द्र प्रमुख डॉ. संजय सिंह ने उपस्थित प्रतिभागियों तथा अतिथियों का स्वागत किया। डॉ. सिंह ने बताया कि भारत के विभिन्न पाँच राज्यों यथा दिल्ली, पंजाब, हरियाणा, उत्तराखण्ड तथा उत्तर प्रदेश के विभिन्न विभागों यथा कृषि विज्ञान केन्द्र, भूमि संरक्षण राज्य वन विभाग, कृषि विभाग, ग्रामीण आजीविका मिशन, पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय, भारत सरकार के प्रतिनिधि प्रतिभागियों तथा अन्य शैक्षणिक संस्थान के साथ प्रयागराज के गंगा टास्क फोर्स आदि के लगभग 30 से अधिक प्रतिभागी इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में सहभागिता कर रहे हैं। डॉ. सिंह ने कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य भूमि क्षरण के सतत प्रबंधन हेतु विभिन्न तकनीको पर प्रकाश डाला तथा सतत भूमि प्रबंधन उत्कृष्ठता केन्द्र, देहरादून की भूमिका की सराहना किया। उन्होंने बताया कि भूमि क्षरण की रोकथाम हेतु जागरूकता अति आवश्यक है। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि तुलसीदास शर्मा, वन संरक्षक, प्रयागराज ने केन्द्र द्वारा आयोजित कार्यक्रम की सराहना करते हुए भूमि क्षरण की रोकथाम हेतु एक योजना के अंतर्गत उचित वृक्ष प्रजातियों के चयन द्वारा वृक्षारोपण के माध्यम से वानिकी को बढ़ावा देने पर बल दिया। कार्यक्रम समन्वयक, आलोक यादव, वरिष्ठ वैज्ञानिक ने प्रशिक्षण कार्यक्रम की रूप रेखा से अवगत कराया। डॉ. हंसराज शर्मा, वरिष्ठ वैज्ञानिक, सीओई-एसएलएम, देहरादून ने भारतीय वानिकी अनुसन्धान एवं शिक्षा परिषद, देहरादून के अंतर्गत भूमि प्रबंधन तकनीक एवं भूमि क्षरण सुधार में केन्द्र की भूमिका से अवगत कराया। केन्द्र की वरिष्ठ वैज्ञानिक तथा आयोजन सचिव, डॉ. अनुभा श्रीवास्तव ने धन्यवाद ज्ञापित किया। प्रशिक्षण कार्यक्रम के प्रथम तकनिकी सत्र में वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. हंसराज शर्मा द्वारा सतत विकास लक्ष्य को प्राप्त करने के साधन के रूप में भूमि क्षरण तटस्थता विषय पर व्याख्यान प्रस्तुत किया गया। इलाहाबाद विश्वविद्यालय के प्रो. (डॉ.) उमेश कुमार सिंह ने मरुस्थलीकरण के निदान के लिए संयुक्त राष्ट्र सम्मलेन के अंतर्गत भूमि क्षरण चुनौतियों का समाधान पर विषय पर चर्चा किया। बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय, वाराणसी के डॉ. पी. सी. अभिलाष, एसोसिएट प्रोफेसर द्वारा वैश्विक स्थिरता हेतु बंजर भूमि सुधार के अंतर्गत चुनौतियाँ एवं अवसर पर चर्चा किया गया। कार्यक्रम में केन्द्र की वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. अनीता तोमर, डॉ. कुमुद दूबे, वरिष्ठ तकनीकी अधिकारी डॉ. सत्येन्द्र देव शुक्ला, रतन गुप्ता, धर्मेन्द्र कुमार, हरीश कुमार, अम्बूज कुमार आदि उपस्थित रहे।

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