उत्तराखण्डराज्य

Madrasa Board Chairman कुंभकरण नींद सो रहा – गरिमा दसौनी

मदरसा बोर्ड के अध्यक्ष ने अपना काम ठीक से नहीं किया – कांग्रेस

देहरादून, 9 जनवरी: Madrasa Board Chairman: एक तरफ निकाय चुनाव का माहौल दूसरी तरफ मदरसों और अल्पसंख्यकों पर सियासत …. जी हाँ उत्तराखंड कांग्रेस की मुख्य प्रवक्ता गरिमा मेहरा दसौनी ने धामी सरकार के द्वारा अवैध मदरसों पर की जा रही कार्रवाई पर प्रतिक्रिया दी है। दसौनी ने इस कार्रवाई की टाइमिंग पर सवाल उठाया और कहा कि भारतीय जनता पार्टी के द्वारा बिजनौर से आयात किया गया मदरसा बोर्ड का चेयरमैन(Madrasa Board Chairman) मोहम्मद शामून काजमी क्या कुंभकरण की नींद में सो रहा था जो आज अचानक से प्रदेश के अंदर मशरूम की तरह अवैध मदरसे उग आए हैं ? इसका सीधे-सीधे अर्थ है कि मदरसा बोर्ड के अध्यक्ष(Madrasa Board Chairman) ने अपना काम ठीक से नहीं किया।

Madrasa Board Chairman

दसोनी ने कहा कि पिछले वर्ष हरिद्वार के मदरसों में 700 हिंदू बच्चों के पढ़ने की खबर आई थी और यह मुद्दा राष्ट्रीय स्तर पर चर्चाओं में रहा था, यदि सरकार तभी जाग गई होती तो शायद आज इस कार्यवाही की जरूरत ना पड़ती। दसौनी ने कहा कि भाजपा की सरकार को प्रदेश में आठवां साल चल रहा है लेकिन आज तक कभी अवैध मदरसों की सुध नहीं ली गई लेकिन 2022 के बाद से जैसे ही भाजपा का नया कार्यकाल शुरू हुआ है तो एक एजेंडे के तहत काम किया जा रहा है ।दसौनी ने कहा कि कांग्रेस पार्टी किसी भी रूप में अवैध कब्जों या अवैध क्रियाकलापों का समर्थन नहीं करती लेकिन सरकार को भी दोहरे मापदंड नहीं अपनाने चाहिए।

गरिमा ने कहा कि राज्य में कई निजी शिक्षण संस्थान है जो अवैध रूप से संचालित हो रहे हैं और जिन्होंने सरकारी भूमि कब्जा रखी है इसके अलावा प्रदेश के अंदर बिना अनुमति के नशा मुक्ति केंद्र चलाए जा रहे हैं उनका निरीक्षण कब होगा? गरिमा ने कहा की प्रदेश में कानून व्यवस्था बुरी तरह से डामाडोल है, महिला हॉकी खिलाड़ी के साथ उसी के कोच के द्वारा दुष्कर्म किया जाना प्रदेश को शर्मसार करने वाला है,महिला खिलाड़ियों के परिजन बहुत आशाओं और विश्वास के साथ अपनी बच्चियों को खेलने के लिए सरकार के सुपुर्द करते हैं लेकिन सरकार उन्हें सुरक्षा देने में विफल साबित हो रही है। गरिमा ने कहा कि आखिर ऐसा क्यों है कि चुनाव के समय ही सरकार को म से मुसलमान म से मदरसा और म से मजार याद आ जाती है? कहीं यह सत्ता रूढ़ दल का खौफ तो नहीं ?

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button