उत्तर प्रदेशप्रयागराज

Mahakumbh 2025: 1000 महिलाएं दीक्षा लेकर करेंगी सनातन का प्रचार

कुम्भ नगर से प्रियांशु द्विवेदी की रिपोर्ट – प्रयागराज, 21 जनवरी, महाकुंभ(Mahakumbh 2025) में नारी सशक्तिकरण की एक नई इबारत लिखने की तैयारी है. महाकुंभ में देश-दुनिया की 1000 महिलाओं को दीक्षा देने की तैयारी है. ये महिलाएं संन्यास धारण कर सनातन धर्म का प्रचार-प्रसार करेंगी. इनमें कई महिलाएं खूब पढ़ी-लिखी भी हैं. श्री पंच दशनाम जूना अखाड़े में सबसे ज्यादा महिलाओं को दीक्षा दी जाएगी. संन्यासिनी श्री पंच दशनाम जूना अखाड़े की महिला संत दिव्या गिरी बताती हैं कि 200 से अधिक महिलाओं को जूना अखाड़े में दीक्षा दी जाएगी. अन्य अखाड़ों में भी महिलाएं दीक्षा लेंगी. ऐसे में यह संख्या 1000 के पार पहुंच सकती है. संन्यासी श्री पंच दशनाम जूना अखाड़े में इसे लेकर रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया चल रही है. आगामी 27 जनवरी को संन्यास दीक्षा का अनुष्ठान संभावित है.

Mahakumbh 2025

सनातन धर्म में वैराग्य या संन्यास के कई कारण बताए गए हैं, जिनकी वजह से गृहस्थ या आम इंसान इसे धारण करता है. परिवार में कोई दुर्घटना, आकस्मिक संसार से मोह भंग या फिर अध्यात्म अनुभूति समेत इसके कई कारण हो सकते हैं. महिला संत दिव्या गिरी बताती हैं कि इस बार जो महिलाएं दीक्षा संस्कार ले रहीं हैं, उसमें उच्च शिक्षा प्राप्त नारियों की संख्या अधिक है.

वे आध्यात्मिक अनुभूति के लिए संस्कार दीक्षित होकर संन्यासी बनेंगी. गुजरात के राजकोट से आई राधेनंद भारती इस महाकुंभ(Mahakumbh 2025) में संस्कार की दीक्षा लेंगी. राधेनंद इस समय गुजरात की कालिदास रामटेक यूनिवर्सिटी से संस्कृत में पीएचडी कर रहीं हैं. राधे नंद भारती बताती हैं कि उनके पिता बिजनेसमैन थे. घर में सब कुछ था लेकिन आध्यात्मिक अनुभूति के लिए उन्होंने घर छोड़कर संन्यास लेने का फैसला किया. पिछले 12 साल से वह गुरु की सेवा में हैं.

Mahakumbh 2025

अखाड़े में नारी शक्ति को पहचान दिलाने में श्री पंचदशनाम जूना अखाड़ा आगे है. महाकुंभ(Mahakumbh 2025) के पहले जूना अखाड़े की संतों के संगठन माई बाड़ा को नया सम्मानित नाम संन्यासिनी श्री पंच दशनाम जूना दिया गया है. आधी आबादी के इस प्रस्ताव पर अब मुहर लगा दी गई है. महिला संत दिव्या गिरी बताती हैं कि महिला संतों ने संरक्षक महंत हरि गिरि से इसकी मांग की गई थी. उन्होंने महिला संतों से ही नए नाम का प्रस्ताव देने के लिए कहा था. महंत हरि गिरि ने इसे स्वीकार कर लिया है. इस बार मेला क्षेत्र में इनका शिविर दशनाम संन्यासिनी श्री पंच दशनाम जूना अखाड़े के नाम से ही लगाया गया है.

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