Mahakumbh Revenue: 150 किलोमीटर तक बरसा पैसा !
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Mahakumbh Revenue: यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यानाथ ने पिछले दिनों दावा किया था कि प्रयागराज में चल रहे महाकुंभ के दौरान सरकार को करीब 3 लाख करोड़ रुपये का राजस्व प्राप्त होगा. उनके इस दावे के बाद कई विपक्षी नेताओं ने तंज कसना शुरू कर दिया और इसे बेबुनियाद बताया. लेकिन, अब व्यापार संगठन कैट ने भी सरकार के इन दावों की पुष्टि कर दी है. संगठन ने साफ बताया कि कैसे सरकार को इतना बड़ा राजस्व जुटाने में मदद मिली.
योगी सरकार ने महाकुंभ से कमाया 3 लाख करोड़ ! Mahakumbh Revenue
कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट ) के राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीन खंडेलवाल के अनुसार, प्रयागराज में 13 जनवरी से 26 फरवरी तक आयोजित महाकुंभ 2025 के दौरान 45 दिनों में लगभग 60 करोड़ श्रद्धालुओं के आने की उम्मीद है, जिससे 3 लाख करोड़ रुपये से अधिक के माल और सेवाओं का व्यापार होने का अनुमान है. उन्होंने कहा कि विश्व के इस सबसे बड़े मानव समागम ने यह स्थापित कर दिया है कि आस्था में अर्थव्यवस्था का भी समावेश होता है और भारत में सनातन अर्थव्यवस्था की जड़ें काफ़ी मजबूत हैं, जो देश की मुख्य अर्थव्यवस्था का प्रमुख हिस्सा भी है.
मीडिया को जानकारी देते हुए खंडेलवाल ने बताया कि महाकुंभ शुरू होने से पूर्व 40 करोड़ लोगों के आगमन के आने की संभावना थी, जिससे 2 लाख करोड़ रुपये के व्यापार होने का अनुमान लगाया गया था. लेकिन, अब 26 फरवरी तक लगभग 60 करोड़ लोगों के महाकुंभ में आने के कयास लगाए जा रहे, जो लगभग तीन लाख करोड़ रुपये तक राजस्व पैदा कर सकता है. यूपी सरकार का दावा है कि अभी तक महाकुंभ में 53 करोड़ से ज्यादा शृद्धालु स्नान कर चुके हैं.
Mahakumbh Revenue: कहां से हुई है इतनी कमाई
कैट के अनुसार, महाकुंभ के दौरान आर्थिक गतिविधियों में काफी तेजी रही है. इससे अतिथि सत्कार एवं आवास, खाद्य एवं पेय पदार्थ, परिवहन एवं लॉजिस्टिक्स, धार्मिक वस्त्र, पूजा सामग्री एवं हस्तशिल्प सहित अन्य वस्तुएं, कपड़ा, परिधान एवं अन्य उपभोक्ता वस्तुएं, स्वास्थ्य सेवाएं एवं वेलनेस सेक्टर, धार्मिक दान एवं अन्य धार्मिक आयोजन, मीडिया, विज्ञापन एवं मनोरंजन, बुनियादी ढांचा विकास एवं नागरिक सेवाएं, टेलीकॉम, मोबाइल, एआई तकनीक, सीसीटीवी कैमरा और अन्य तकनीकी उपकरणों के जरिये बड़ा व्यापार हो रहा है और बड़ी संख्या में लोगों को भी रोजगार मिला है.
कैट महासचिव के अनुसार, प्रयागराज के अलावा 150 किमी के दायरे में स्थित अन्य शहरों और गांवों में भी महाकुंभ के कारण बड़ा कारोबार हुआ और खूब पैसा बरसा. इसके अलावा अयोध्या में श्री राम मंदिर, वाराणसी में भगवान भोलेनाथ तथा आसपास के शहरों में भी लोग बड़ी संख्या में अन्य देवी देवताओं के दर्शन करने पहुंचे और इन शहरों को भी खूब कमाने का मौका मिला.