स्व रामसिंह सेंगर पूर्व प्रधान की पुण्य स्मृति में मानस सम्मेलन।
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कुठौंद जालौन, कुठौंद ब्लॉक् के गाँव गुपलापुर मे पुण्य स्मृति के अवसर पर तीन दिवशीय विशाल मानस सम्मेलन विद्वान वक्ताओं द्वारा आयोजन हुआ।
बता दे कि हर वर्ष की भांति गुपलापुर निवासी रामपाल सिंह सेंगर द्वारा अपने पिता स्व राम सिंह सेंगर पूर्व प्रधान की 13 वी पुण्यतिथि पर
3 दिवशीय विशाल मानस सम्मेलन का अयोजम करा रहे है।
जिसमे मानस बक्ता शीलभद्र महाराज सिरसा दोघड़ी नेअपनी अमृतमयी वाणी से श्रोताओं को बताया कि मानस गंगा है इसमें जो गोता लगाए । उसका जीवन सार्थक हो जाता है।
मानस वक्ता ने केवट और भरत सम्वाद को सुनाते हुए , कहा कि
भगवान राम मर्यादा स्थापित करने के उद्देश्य से अवतरित हुए
भगवान वन जाते वक्त भी भक्त को नही भूले और केवट से ही नाव लाने को कहा।
केवट भक्त हठ पूर्वक कहता है कि पहले पैर धो लेने दो तभी पार उतारूंगा।
और केवट ने भगवान राम के पैर धोया तभी पार ले गया।
भगवान और भक्त में अनन्य प्रेम समाहित होता है।
इसी तरह भगवान राम और भरत भाई का संवाद आया कहा कि दोनों भाई संपत्ति और सुखों का त्याग करने के लिए उद्दत थे।
और विपत्ति को अपनाना चाहते थे। वही भ्रात प्रेम है।
भरत जैसा भाई जिन्होंने अपने बड़े भाई भगवान राम की चरण पादुका लेकर सिंहासन पर रख उनकी सेवा की।
यही भ्रात प्रेम की पराकष्ठा है
भरत जी के नाम का अर्थ भ यानी भवित र यानी रति त यानी त्याग को भरत कहते थे
जिन्होंने अयोध्या जैसा राज्य को भाई प्रेम से से बड़ा नहीं समझा।
पैदल बड़े भाई से मिलने जंगल पहुँचे।
मानस के नित्य पाठ से हमे सत्मार्ग पर चलने की सीख मिलती है।
3 दिवशीय मानस सम्मेलन में क्रम से मानस विद्धवान राजेश रामायणी परधानी, ,रमेश रामायणी मानस केसरी , कृपाल सिंह धनौरा ,द्वारा मानस रूपी गंगा में डुबकी लगाई।
सहयोजक समाज सेवी रामपाल सिंह सेंगर , सहयोगी लल्लू भदौरियॉ समस्त ग्राम क्षेत्र वासी।