मास्टरमाइंड निकला गुड़ कारोबारी, फर्जी रची लूट की कहानी, पुलिस ने भेजा जेल

कृष्ण मोहन मिश्र “राहुल”
लगातार पुलिस को करता रहा गुमराह, साक्ष्य मिटाने की कोशिश हुई नाकाम, धोखाधड़ी करना पड़ा भारी
सीतापुर। पुलिस को फर्जी लूट की जानकारी देकर मुकदमा लिखना व लगातार पुलिस को गुमराह करने वाले आरोपी को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। अभियुक्त लगातार पुलिस को चकमा दे रहा था। गुड़बेल को किराए पर लेकर गुड़ बेचकर चला रहा था धंधा, लूट की सूचना मिलते ही पुलिस हलकान हो गई थी, कई थानों की पुलिस ने घटना क्षेत्र में कॉम्बिंग भी की थी। पुलिस ने पकड़े गए अभियुक्त पर विभिन्न धाराओं में मुकदमा दर्ज कर उसे जेल भेज दिया है।
ज्ञात हो कि बीते 3 फरवरी की शाम करीब 4 बजे पुलिस को सूचना मिलती है कि तीन अज्ञात नकाबपोश बदमाशों ने एक गुड़बेल कारोबारी को लूट लिया है। इस सनसनीखेज खबर से क्षेत्र में हड़कम्प मच गया और पुलिस हाईअलर्ट हो गई। मौके की तफसीस करने एसओ सकरन, एसओ रेउसा व सीओ बिसवां के साथ तमाम आलाधिकारी पहुंचे। तब जनपद मुजफ्फरनगर के थाना क्षेत्र पुरकाजी के मोहल्ला जाटान का रहने वाला समीर पुत्र इकबाल ने पुलिस को बताया कि वह बिसवां के गुड़ आढ़ती संजू से गुड़ का भुगतान 1 लाख, 1 हजार, 2 सौ अस्सी रुपये लेकर वह थाना क्षेत्र रेउसा के मोइया शिवाला मजरा रतनपुर के राहुल सिंह पुत्र जितेंद्र बहादुर सिंह की गुड़बेल , जोकि किराए पर ली थी, पर जा रहा था। इसी दौरान शाम को थाना क्षेत्र रेउसा के अंतर्गत सिहाला मजरा पतरसा निवासी रामकुमार पुत्र द्वारिका के सरसों के खेत व थाना क्षेत्र रेउसा के अंतर्गत सुंदर के केले की खेत की मेड पर तीन अज्ञात नकाबपोशों ने उसे रोककर एक लाख रुपये व ओप्पो एफ 21 मोबाइल छीन लिया।
ये घटना न तो पुलिस के गले उतर रही थी और न ही क्षेत्रीय लोगों के। अभियुक्त समीर ने मनगढ़ंत कहानी पुलिस को सुनाई थी, जिसके सहारे पुलिस जांच कर रही थी, अभियुक्त पुलिस को लगातार गुमराह करता रहा। पुलिस के हाथ लूट का कोई भी सुराग न लगा। पुलिस पुलिस ने लगातार संदिग्धों से पूछताछ शुरू कर दी, तकनीकी साक्ष्यों के सहारे जांच का दायरा बढ़ा तो एकदम चौकाने वाला वाला खुलासा सामने आया। पुलिस ने पकड़े गए अभियुक्त पर जांच में सहयोग न करना, चल सम्पत्ति का बेईमानी से दुरुपयोग करना, आपराधिक विश्वासघात करना, धोखाधड़ी करना, आपराधिक धमकी देना, साक्ष्य मिटाना आदि जैसी गम्भीर धाराओं में मुकदमा दर्ज कर उसे जेल भेज दिया है।
पुलिस के अनुसार अभियुक्त समीर ने बताया कि वह अपने अन्य परिजनों के साथ शिवाला मोइया थाना रेउसा में राहुल सिंह निवासी मोइया खानपुर की जगह में गुड़बेल लगाकर गुड़ बनाने का काम करता था। उसने अपने दोस्त आसिफ, जोकि उसके ही गांव का निवासी है, से अपनी जरूरतों के चलते एक लाख रुपया उधार लिया था, जिसको उसे आसिफ को वापस लौटाना था। बीते 3 फरवरी को बिसवां निवासी आढ़ती सन्तोष कुमार वैश्य से प्राप्त रुपयों में से 97 हजार रुपये उसने अपने दोस्त आसिफ के द्वारा बताए गए अलग अलग बार कोड पर बिसवां में 90 हजार रुपये व अपने खाते से 7 हजार रुपये मिलाकर कुल 97 हजार रुपये ट्रांसफर करवाया था। जिसमे 2 हजार 4 सौ रुपये ट्रांजेक्शन फीस लगी थी और 6 सौ रुपया उसके पास बच गया था। चूंकि उसे राहुल सिंह, जिसकी जगह पर उसने गुड़बेल लगाया था, को 50 हजार रुपये देना था और कुछ मजदूरों को भी बकाया देना था। जिस कारण अपने आप को बचाने के लिए उसने फर्जी मुकदमा लिखा दिया था। जिस मोबाइल से उसने 7 हजार अपने दोस्त आसिफ के बताए हुए बारकोड पर ट्रांसफर कर दिया, जिसका सुबूत मिटाने के लिए बाबूराम पटेल शिक्षा निकेतन सांडा के पास तोड़कर फेंक दिया था और आगे जाकर जलिमनगर पुल से थोड़ा आगे एक सरसों व एक केले के खेत की मेड़ पर अपनी मोटरसाइकिल स्वयं गिराकर, लूट की कहानी बनाकर फर्जी मुकदमा लिखाया था।
मोबाइल के ट्रांजेक्शन व तकनीकी साक्ष्यों ने खोला राज
गुड़बेल कारोबारी समीर ने अपने खाते से मोबाइल नम्बर बदलवा दिया था, जिससे कोई भी पुराना ट्रांजेक्शन न दिखे। उसने पुराने नम्बर का सिम भी रिप्लेस करवा लिया था और नया मोबाइल भी खरीद लिया था। जब पुलिस ने गहनता से पड़ताल की तो पता चला कि लूट की घटना फर्जी है। क्षेत्र के कई बीसी संचालक व सिम कार्ड विक्रेताओं को बुलाकर पुलिस ने अभियुक्त के ट्रांजेक्शन देखे तो सन्न रह गए। लगातार पूछताछ में अभियुक्त का मनोबल टूटता गया और उसने सब सच उगल दिया। अभियुक्त को पकड़ने व खुलासा करने में एसओ सकरन कृष्ण कुमार, एसएसआई आरएन द्विवेदी, एसआई रामबरन गुप्ता व रवि प्रकाश, मनोज पाल, मनोज कुमार आदि आरक्षी शामिल रहे।