उत्तराखण्डराज्य

गंगा यात्रा पर परमार्थ पहुंचे Mauritius High Commissioner

विश्व विख्यात गंगा आरती, यज्ञ और दिव्य सत्संग में किया सहभाग
नववर्ष का आध्यात्मिक उत्सव देखकर हुये गदगद

मॉरीशस के उच्चायुक्त(Mauritius High Commissioner) देव दिलियम, अपनी पत्नी और मित्रों के साथ परमार्थ निकेतन आश्रम में एक महत्वपूर्ण सांस्कृतिक उद्देश्य से आये। इस यात्रा के दौरान दिलियम ने विश्वविख्यात गंगा आरती, योग, ध्यान व सत्संग में सहभाग कर भारत की पवित्र नदी माँ गंगा जी के प्रति श्रद्धा और आस्था समर्पित की। परमार्थ निकेतन के अध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी और साध्वी भगवती सरस्वती से मॉरीशस के उच्चायुक्त(Mauritius High Commissioner) देव दिलियम ने भेंट कर भारतीय संस्कृति और मॉरीशस के बीच के गहरे सांस्कृतिक और ऐतिहासिक संबंधों को और भी प्रगाढ़ करते हुये विभिन्न सांस्कृतिक विषयों पर चर्चा की।

Mauritius High Commissioner

भारत और मॉरीशस के बीच आध्यात्मिक संबंध प्राचीन समय से जुड़े हुए हैं। मॉरीशस में भारतीय संस्कृति और धर्म का गहरा प्रभाव है, विशेष रूप से हिंदू धर्म। जब भारतीय प्रवासी 19वीं शताबदी में मॉरीशस पहुंचे, तो उन्होंने अपनी धार्मिक परंपराओं और संस्कृतियों को वहां जीवित रखा।

देव दिलियम(Mauritius High Commissioner) की सपरिवार दो दिवसीय परमार्थ निकेतन यात्रा के अपने आध्यात्मिक और सांस्कृतिक अनुभवों को साझा करते हुये कहा कि परमार्थ निकेतन एक शांतिपूर्ण दिव्य वातावरण से युक्त आध्यात्मिक शिक्षाओं और पर्यावरणीय संरक्षण के लिये विश्व प्रसिद्ध है। पूज्य स्वामी जी प्रतिदिन भारतीय आध्यात्मिक परंपराओं और प्रकृति के प्रति सम्मान व संरक्षण का संदेश गंगा आरती के माध्यम से सभी को प्रदान करते है । परमार्थ निकेतन में भारत की आध्यात्मिक और सांस्कृतिक धरोहर को बड़ी ही दिव्यता से सहेज कर रखा है। उन्होंने कहा कि कि भारत और मॉरीशस के लोग साझा सांस्कृतिक और आध्यात्मिक मूल्यों से जुड़े हुए हैं। मॉरीशस में भारतीय संस्कृति, विशेषकर हिंदू धर्म, का गहरा प्रभाव है और वहां के लोग भारत को अपनी ‘मातृभूमि’ मानते हैं।

Mauritius High Commissioner

स्वामी चिदानंद सरस्वती जी ने कहा कि भारत और मॉरीशस के रिश्तें प्राचीन काल से ही प्रगाढ़ है। पर्यावरण, शिक्षा, पर्यटन, और व्यापार जैसे क्षेत्रों में सहयोग कर इन्हें और प्रगाढ़ किया जा सकता है। उन्होंने दोनों देशों के बीच साझा पर्यावरणीय परियोजनाओं पर चर्चा करते हुये कहा कि दोनों देशों के बीच एक ऐतिहासिक और सांस्कृतिक जुड़ाव है, जो हमारी साझा धार्मिक धरोहर से प्रेरित है। भारत और मॉरीशस के बीच बढ़ती मित्रता और सहयोग का यह कदम आने वाले वर्षों में दोनों देशों के नागरिकों के बीच एकता, शांति और समृद्धि के मार्ग को प्रशस्त करेगा।

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