उत्तराखण्डराज्य

‘Molly Became a Robot’ विनर्स को दिए मेडल

खेलों के दौरान तकनीकी पहल के लिए सीएम ने दिए थे निर्देश
एथलेटिक्स की अन्य इवेंट में भी ‘मौली रोबोट ‘ही लाएगा मेडल

देहरादून: Molly Became a Robot: शनिवार को राष्ट्रीय खेलों में यह मौका एथलेटिक्स इवेंट की मेडल सेरेमनी का था। खिलाड़ियों से लेकर दर्शकों की ठीक ठाक उपस्थिति थी। सभी उम्मीद कर रहे थे कि कुछ ही देर में होने वाली मेडल सेरेमनी परंपरागत रूप से ही आयोजित होंगी। मगर अगले पलों में मेडल सेरेमनी का पूरा रूप ही बदला हुआ था। रिमोट कंट्रोलर की कमांड से ‘मौली रोबोट'(Molly Became a Robot) में हरकत शुरू हुई। वह एक ट्रे में मेडल लेकर विजेताओं के पास पहुंचा। अतिथियों ने मेडल उठाए और विजेताओं के गले में पहना दिए।

Molly Became a Robot

राष्ट्रीय खेलों में मेजबान उत्तराखंड ने रोबोटिक तकनीक से जुड़ी पहल कर सभी कोे सुखद अनुभूति से भर दिया। हालांकि एथलेटिक्स इवेंट को छोड़कर अन्य में परंपरागत रूप से ही मेडल सेरेमनी आयोजित की गई। यानी हाथ में ट्रे लेकर युवतियां ही विजेताओं के लिए मेडल लाई। एथलेटिक्स के करीब 40 इवेंट होने हैं। खेल निदेशक प्रशांत आर्या के अनुसार-एथलेटिक्स के अधिकतर इवेंट में मेडल सेरेमनी के दौरान ‘मौली रोबोट'(Molly Became a Robot) का ही इस्तेमाल किया जाएगा।

उत्तराखंड पुलिस की ड्रोन टीम छायी

मौली रोबोट के विचार पर उत्तराखंड पुलिस की ड्रोन टीम ने एक प्राइवेट फर्म डीटाउन रोबोटिक्स के साथ मिलकर काम किया। ड्रोन टीम के विपिन कुमार, दीपांकर बिष्ट, प्रशांत चंद्र, दीपक बिष्ट, अभिषेक कुमार, प्रज्ज्वल रावत ने करीब डेढ़ महीने इस प्रोजेक्ट पर काम किया। मेेडल सेरेमनी में जहां ‘मौली रोबोट'(Molly Became a Robot) ने काम किया, वहीं डिस्कस के इवेंट के दौरान एक अन्य रोबोट ने सहयोग किया। ओलंपियन मनीष रावत के अनुसार-मेडल सेरेमनी में रोबोट का इस्तेमाल उन्होंने पहली बार देखा है।

Molly Became a Robot

-मुख्यमंत्री के निर्देश थे कि राष्ट्रीय खेलों में तकनीकी पहल भी होनी चाहिए। इसलिए, रोबोटिक तकनीक की मदद लेकर यह प्रयोग किया गया। हैमर थ्रो, जेवलिन थ्रो, डिस्कस थ्रो जैसी एथलेटिक्स इवेंट में भी हम रोबोटिक तकनीक का इस्तेमाल करते हुए मानव संसाधन पर निर्भरता कम कर रहे हैं।

-अमित सिन्हा, मुख्य कार्यकारी अधिकारी, राष्ट्रीय खेल।

38 वें राष्ट्रीय खेल में खिलाड़ियों के बेहतरीन प्रदर्शन के अलावा कई अभिनव पहल भी पूरे देश को दिखाई दे रही है। तकनीकी पहल भी अब राष्ट्रीय खेलों के साथ जुड़ गई है। हमारी कोशिश ये ही है कि नई तकनीक का पूरा लाभ लेते हुए खेल विकास के लिए कार्य किया जाए।

—–पुष्कर सिंह धामी, मुख्यमंत्री

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