मौनी बाबा बनाते हैं IAS और IPS, पढ़िए खबर
कुम्भ नगर से प्रियांशु द्विवेदी की रिपोर्ट – युवाओं का सपना होता है कि वो देश की सबसे बड़ी परीक्षा सिविल सर्विसेस को पास कर आईएएस(IAS) पीसीएस आईपीएस बने और अफसर बनकर देश की सेवा करें। लेकिन ये सपना सच हो जाये इतना आसान भी नहीं है। मंहगी कोचिंग , सालों की कड़ी तैयारियां भी अक्सर निराश कर देती है लेकिन क्या आप यकीन करेंगे कि एक मौनी संन्यासी भी ऐसे है जो इस सपने को साकार बनाने में जुटे हैं। मौनी बाबा बनने के बाद उन्होंने सिविल सर्विसेज की कोचिंग देना शुरू कर दिया. इस तरह मौनी बाबा उन युवाओं को फ्री कोचिंग देते हैं जो आईएएस(IAS), आईपीएस बनना चाहते हैं.
आपको बताते हैं मौनी बाबा की कहानी…
यह कहानी है महाकुंभ में आए मौनी बाबा की. मौनी बाबा का प्रतापगढ़ में शिवशक्ति बजरंग धाम है. मौनी बाबा का असली नाम दिनेश स्वरूप ब्रह्मचारी है. दावा किया जा रहा है कि बाबा 41 साल से मौन हैं, जिसकी वजह से बाबा को मौनी बाबा के नाम से जाना जाने लगा. दिनेश के परिवार में कई टीचर थे, लिहाजा पढ़ाई-लिखाई का अच्छा माहौल था. उनकी पढ़ाई-लिखाई भी अच्छी हुई. उन्होंने बायोलॉजी में बीएससी (B.Sc) तक पढ़ाई की. दिनेश स्वरूप ब्रह्मचारी उर्फ मौनी बाबा के पिताजी एक कॉलेज में प्राचार्य थे. उनकी मृत्यु के बाद शिक्षा विभाग ने पिता की जगह पर उनकी अनुकंपा नियुक्ति कर दी. इस तरह मौनी दिनेश स्वरूप ब्रह्मचारी उर्फ मौनी बाबा सरकारी टीचर हो गए .
बिना बोले कैसे पढ़ाते हैं बाबा
सरकारी टीचर की नौकरी मिलने के बाद भी बाबा का मन नहीं लगा और उन्होंने संन्यास ले लिया. आगे चलकर बाबा ने मौन धारण कर लिया, लेकिन बाबा ने बच्चों को पढ़ाने का बीड़ा उठाया. उन्होंने सिविल सर्विसेज परीक्षा(IAS) की तैयारी करने वाले युवाओं को फ्री कोचिंग देना शुरू कर दिया. वह व्हाट्सएप के माध्यम से छात्रों को पढ़ाते हैं. इसके अलावा वह बच्चों के सवाल लिखकर लेते हैं और उसका जवाब भी लिखित रूप में ही देते हैं. इतना ही नहीं, वह तैयारी करने वाले बच्चों के लिए नोट्स भी बनाकर देते हैं. उन्होंने कई मीडिया को दिए इंटरव्यू में बताया कि हर साल उनके पढ़ाए बच्चों में से दो