नगर निगम ने शहर को बताया 2600 करोड़ का बकायेदार, पर हकीकत ऐसी नहीं; महापौर बोले- दूर कराएंगे कमियां
बरेली। गृहकर बिलों में गड़बड़ी का मुद्दा शुक्रवार को सदन की बैठक में छाया रहा। पार्षद बोले- शहर को 2600 करोड़ रुपये का बकायेदार बताया जा रहा है, पर हकीकत ऐसी नहीं है। पुरानी जेल की 46 आईडी बनाकर प्रत्येक पर टैक्स लगा दिया गया। महानगर की सीमा से बाहर धौरेरा माफी के मकानों पर भी टैक्स लगा है। महापौर ने कमियों को दूर कराने की बात कही। बोले- इसके लिए हर सप्ताह बैठक होगी। इसमें मुख्य कर निर्धारण अधिकारी भी मौजूद रहेंगे। हंगामेदार बैठक में कुछेक बार सेम-सेम के नारे भी गूंजे।
पार्षद नगर स्वास्थ्य अधिकारी पर हमलावर रहे। निवास से दो किलोमीटर के दायरे में सेवाएं दे रहे सफाई कर्मचारियों को हटाने के प्रस्ताव पर अमल न किए जाने का आरोप लगाया। नगर स्वास्थ्य अधिकारी ने सफाई देनी चाही तो राजेश अग्रवाल, गौरव सक्सेना समेत अन्य पार्षदों ने आरोपों की बौछार कर दी। पार्षद नीरज कुमार बोले- नगर स्वास्थ्य अधिकारी झूठ बोल रहे हैं।
महापौर उमेश गौतम बोले- अगर अगली बैठक तक नगर निगम बोर्ड के प्रस्तावों पर अमल नहीं हुआ तो संबंधित अधिकारी के खिलाफ निंदा प्रस्ताव पारित होगा। शासन को भी लिखेंगे ताकि दूसरे अधिकारियों को भी सबक मिले। बिगड़ी सफाई व्यवस्था और स्ट्रीट लाइट के मुद्दे भी गूंजे। पार्षद गौरव सक्सेना बोले- दुर्भाग्य की बात है कि नए साल के पहले दो दिन घरों से कूड़ा नहीं उठा। तीसरे दिन डलावघरों में कूड़ा सड़ता रहा। महापौर ने सुधार का भरोसा दिया।