मेरा भोला है भंडारी करे नंदी की सवारी……. पर झूमे श्रोता

महाकुम्भ नगर २२ फरवरी
बीके यादव/बालजी दैनिक
23 फरवरी को कैलाश खेर व 24 को मोहित चौहान कलाग्राम में देगें अपनी प्रस्तुति
कलाग्राम का मंच शनिवार को प्रसिद्ध गायक पार्थिव गोहिल के नाम रहा। उन्होंने अपनी प्रस्तुति की शुरुआत लागी मेरी तेरे संग लगी मेरे शंकरा से की। इसके बाद हर हर शंभू शिव महादेवा शंभू, शिव कैलाशो के वासी, धौली धारों के राजा, शंकर संकट हरना, मेरा भोला है भंडारी करे नंदी की सवारी, डम-डम डमरू बाजे बाबा भोले नाचे धरती जैसे शिव भजनों की प्रस्तुति देकर पूरे कलाग्राम को शिवमय कर दिया। फिर प्रभु श्रीराम को समर्पित भजन ‘रघुकुल रीत सदा चली आई’, मेरी झोपड़ी के भाग, आज खुल जाएंगे, राम आएँगे, राम आएँगे आएँगे, मेरी चौखट पे चल के आज चारो धाम आये हैं बजाओ ढोल स्वागत में मेरे घर राम आये हैं की मनमोहक प्रस्तुति पर श्रोताओं ने खूब तालियां बजाई। इसके बाद किशोरी कुछ ऐसा इंतजाम हो जाए, जुबा पे राधा राधा राधा नाम हो जाए, अरे रे मेरी जान है राधा तथा मेरा रंग दे बंसती चोला माहे रंग दे बसंती चोला गीत पर श्रोताओं की वाहवाही मिली और श्रोताओं ने भी उनके सुर में सुर मिलाकर इस गीत को गाया, जब उन्होंने मेरी देश की धरती सोना उगले हीरे मोती और मिले सुर मेरा तुम्हारा को गीत पेश किया तो श्रोता झूमने लगे। शास्त्रीय संगीत की गायिका व पद्मश्री से सम्मानित सोमा घोष ने संगम के इस महायोग में जो कुंभ नहाने आएगा …., जय त्रिवेणी संगम हरे हरे प्रस्तुत किया वही शिव जी की स्तुति करते हुए उन्होंने शंभू शरणे पड़ी मांगू.. की प्रस्तुति देकर समां बांधा। अगली प्रस्तुति में अभिनया नागज्योति और साथी कलाकारों ने अपने कार्यक्रम की शुरुआत गणेश वंदना से की। इसके बाद उन्होंने कथक, छाऊ और कुचिपुड़ी नृत्य की प्रस्तुतियां दीं। उनकी मनमोहक नृत्य कला ने ‘संगम’ की कथा को भागवत ग्रंथ से जीवंत रूप में प्रस्तुत किया गया, जिससे दर्शकों में गहरी भावनाओं का संचार हुआ। इसके बाद अगली प्रस्तुति में डॉ अनु सिन्हा एवं दल द्वारा शिव –पार्वती पर आधारित नृत्य नाटिका को पेश किया। इस नृत्य में उन्होंने दक्ष यज्ञ, शिव तांडव, शिव विवाह और शिव बारात की प्रस्तुति दी, उनके हर भाव, मुद्रा और लय को देखकर दर्शकों ने खूब तालियां बजायी।
लोकनृत्यों की श्रृखंला में हरियाणा के कलाकारों द्वारा लट्ठमार होली की प्रस्तुति दी गई।अगली प्रस्तुति उत्तराखंड का गढ़वाल नृत्य, कर्नाटक का ढोलू कूनिठा नृत्य, तेलंगाना का चिन्धु यक्षगान नृत्य, राजस्थान का गेर नृत्य तथा असम के मुखा भाऊना नृत्य की प्रस्तुति कलाकारों द्वारा दी गयी। 23 फरवरी को कैलाश खेर व 24 को मोहित चौहान कलाग्राम में अपनी प्रस्तुति देगें। मंच का संचालन डॉ. आभा मधुर ने किया। इस अवसर पर काफी संख्या मे दर्शक उपस्थित रहे।