महाकुंभ में नागाओं ने नदी संरक्षण के लिए भरी हुंकार
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महाकुंभ नगर १५ फरवरी
बीके यादव/बालजी दैनिक
अध्यात्म जागरण से ही पर्यावरण जागरण संभव
उत्तर प्रदेश में महाकुंभ के आयोजन ने पूरे विश्व में सनातन का पताका फहराया
स्वच्छता में धर्म है अस्वच्छता में पाखंड
भारत के इतिहास में आज पहली बार नागा साधुओं ने वॉटर वूमन शिप्रा पाठक के निवेदन पर महाकुंभ में एकजुट होकर पर्यावरण संरक्षण के लिए हुंकार भरी। इस दौरान कार्यक्रम में जुटे विभिन्न अखाड़ों के नागा साधुओं ने अपनी परम्परागत रीति से पूजा अर्चना कर कार्यक्रम का आरंभ किया। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए वॉटर वूमन शिप्रा पाठक ने कहा कि बीते तीन दिनों में उमड़ती भीड़ के कारण त्रिवेणी और कुंभ की धरा दोनों मलीन हो रही है।
जिस से द्रवित होकर आज नागा साधुओं को मैंने पर्यावरण के लिए निकलने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि इस तरह का आयोजन पहली बार हुआ है।शिप्रा ने कहा हम लोग अपने द्वारा किए जा रहे गलत कार्यों के लिए सरकार को दोषी ठहरा रहे हैं।उन्होंने कहा हजारों सफाई कर्मचारी लोगों के द्वारा फेंकी जा रही प्लास्टिक, पन्नी, मल और कपड़े उठा रहे हैं और वहीं लोग महाकुंभ से बाहर आकर सरकार को दोषी ठहरा रहे हैं। ऐसे लोगों को मै बताना चाहती हूं कि अगर आज लोग पर्यावरण को लेकर जागरूक नहीं हुए तो आने वाले समय में आपकी पीढ़ी कुम्भ के मोक्ष और पुण्य को तरस जाएगी। शिप्रा ने कहा कि इस समागम में केवल नागा साधुओं को आमंत्रण इसलिए दिया क्यूंकि वो जानती है राष्ट्र के आक्रमण पर नागाओं ने प्रतिउत्तर दिया है। वो चाहती है एक बार फिर नागा बाबा अपनी तलवार, त्रिशूल और डमरू उठा कर नदियों पर प्रतिघात करने वालों को ये आक्रमक संदेश दें कि नदियों का दोहन करने वालो को क्षमा नहीं किया जाएगा।
नागा बाबा की जो उथली छवि समाज में है कि वो नग्न अवस्था में भस्म रमा के धूना रमाने वाले साधक है जिनका संसार से कोई संबंध नहीं।
नागा वो साधक है जो राष्ट्र के सशक्त होने को प्रार्थना करते हैं। अतः उनका नदियों के किनारे खड़ा हो जाना नदियों को दूरगामी संरक्षण देगा। आगे कहा उनकी नागा साधुओं से इस विषय में चर्चा हुई तो सभी का मत यह था कि आने वाले समय का कुंभ दूषित जल में कैसे होगा। उनकी यह पीड़ा सुनकर मुझे लगा कि देश को नागा साधुओं के माध्यम से पर्यावरण के प्रति जागरूक किया जाए।शिप्रा ने सभी नागा साधुओं के साथ पूरे देश को यह शपथ दिलाई कि हर व्यक्ति हर वर्ष एक पौधा लगाकर उसका पालन करेगा।शिप्रा ने कहा इस कार्यक्रम को 1 फरवरी को किया जाना था परन्तु महाकुंभ में लोगों की आ रही भीड़ के चलते इसको आगे बढ़ाया गया था। इस दौरान कार्यक्रम को अमृतेश्वर महादेव के पीठाधीश्वर श्री सहदेवानंद गिरी जी ने भी संबोधित करते हुए कहा कि शिप्रा पाठक द्वारा पर्यावरण के लिए किए जा रहे कार्य सराहनीय है। दिगंबर शक्ति गिरी ने कहा इस तरह के किसी कार्यक्रम में हम सभी दिगंबर लोग भारत को हरा भरा बनाने के लिए कार्य करेंगे।