कार्तिक पूर्णिमा मेला में नारद मोह की लीला का हुआ मंचन

सीतापुर राकेश पाण्डेय। जिले की आदर्श नगर पंचायत हरगांव में चल रहे कार्तिक पूर्णिमा मेला महोत्सव के तहत आज प्राचीन सूर्यकुंड तीर्थ स्थल पर आयोजित रामलीला में आज नारद मोह का नाट्य मंचन राम गोपाल लीला दर्शन मंडल श्री वृन्दावन घाम मथुरा के कलाकारो द्वारा हुआ किया गया।
इस मंचन में दर्शाया गया कि नारद मुनि को कामदेव पर विजय प्राप्त करने के कारण अहंकार आ गया। अहंकार से ग्रस्त नारद मुनि भगवान विष्णु के पास जाकर कामदेव को जीतने की बात बताते हुए अपनी प्रशंसा करने लगे।तब भगवान विष्णु ने नारद मुनि के अहंकार को तोड़ने के लिए माया रची। इसी माया से वशीभूत होकर बैकुंठ से लौटते समय नारद मुनि ने एक सुंदर नगर के भव्य महल में रूपवती राजकुमारी को देख कर उस पर मोहित हो गए। और राजकुमारी से विवाह की इच्छा लेकर वे भगवान विष्णु के पास पहुंचे और उनसे खुद को सुंदर और आकर्षक बनाने की विनती करने लगे। तब भगवान विष्णु ने कहा हम वही करेंगे जो आपके लिए कल्याण कारी होगा। भगवान विष्णु ने ऐसा कहकर नारद जी का मुंह बंदर जैसा बना दिया।
उसके बाद नारद मुनि राजकुमारी से विवाह करने उसके महल पहुंचे जहां और भी राजकुमार, राजकुमारी से विवाह के लिए आए हुए थे।वहां भरी सभा में सबने नारद मुनि का बंदर चेहरा देखकर उनकी हसीं उड़ाने लगे और राजकुमारी ने भी नारद मुनि को छोड़ एक अति सुंदर राजकुमार का स्वरूप भगवान विष्णु के गले में जयमाला डाल दी। उसके बाद जब नारद मुनि ने अपना मुख जल में देखा बंदर जैसा अपना मुंह देख कर उनको भगवान विष्णु पर बहुत क्रोध आ गया।
नारद मुनि बैकुंठ पहुंचे तो वहां देखा कि भगवान विष्णु के साथ वही राजकुमारी बैठी हुई थी।तब क्रोधित होकर नारद मुनि ने भगवान विष्णु को श्राप दिया कि आपकी वजह से मेरा मजाक बना इसलिए मैं आपको श्राप देता हूं कि आप धरती पर मनुष्य के रूप में जन्म लेंगे। और आपको बंदरों की सहायता की जरूरत पड़ेगी। जिस तरह मुझे स्त्री के वियोग में रोना पड़ा है। आप भी स्त्री वियोग में रोयेंगे।
इस अवसर पर मेला देखने आये नगर वासियों के साथ साथ नगर पंचायत हरगांव अध्यक्ष गफ्फार खां सरफुद्दीन खां, अधिशाषी अधिकारी श्रीश मिश्र, नीरज मिश्र,भारत भूषण मिश्र, शिवेंद्र सिंह आदि उपस्थित रहे।