आर्द्रभूमियों के संरक्षण के प्रति लोगों को जागरूक करने के उद्देश्य से राष्ट्रीय एवं राज्य स्तर हुआ कार्यक्रम
धूमधाम से मनाया गया विश्व आद्र भूमि दिवस
बलराम मौर्य/ बालजी दैनिक
अयोध्या धाम l केंद्रीय विदेश तथा वन, पर्यावरण व जलवायु परिवर्तन राज्यमंत्री श्री कीर्तिवर्धन सिंह ने की अध्यक्षता में विश्व आर्द्रभूमि दिवस 2025 के अवसर पर पंचशील होटल अयोध्या में रिजनल वर्कशाप ऑन कन्जर्वेशन एण्ड वाइज यूज ऑफ वेटलैंड्स (Regional Workshop on Conservation and Wise Use of Wetlands) का आयोजन का आयोजन किया गया। कार्यशाला के दौरान प्रधान मुख्य वन संरक्षक, वन्य जीव, उ0प्र0, लखनऊ अनुराधा वैमुरी, संयुक्त सचिव, पर्यावरण वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग, भारत सरकार श्री रजत अग्रवाल तथा सदस्य सचिव, राज्य आर्द्रभूमि प्राधिकरण, उत्तर प्रदेश श्री नीरज कुमार अतिथि के रूप में उपस्थित रहे। साथ ही उक्त कार्यशाला में रामसर साइट के मैनेजर एवं विभिन्न राज्यों के उच्चाधिकारी के साथ-साथ विभिन्न संस्थाओं के अधिकारियों तथा प्रतिनिधियों द्वारा प्रतिभाग किया गया।
राज्य मंत्री, पर्यावरण वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय, भारत सरकार श्री कीर्तवर्धन सिंह ने बताया कि देश में अब अंतरराष्ट्रीय स्तर की 89 रामसर साइटस हो गयी है। शुक्रवार को 4 नए रामसर साइटस को जोड़ा गया है। पहले इसकी संख्या 85 थी। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में आर्द्रभूमि के संरक्षण व संवर्धन की दिशा में अभूतपूर्व निर्णय लिए गए हैं तथा उसके क्रियान्वयन पर भी विशेष बल दिया जा रहा है। उन्होंने बताया कि पूरी दुनिया में विश्व वेटलैंड्स दिवस 2 फरवरी को मनाया जाता है। भारत सरकार भी प्रत्येक वर्ष देश के विभिन्न राज्यों में लोगों को आर्द्रभूमियों के संरक्षण के प्रति जागरूक करने के उद्देश्य से राष्ट्रीय एवं राज्य स्तर पर अनेक कार्यक्रमों को आयोजित करती है। इस बार यह गौरव भारत सरकार द्वारा उत्तर प्रदेश के गोंडा जिले की अंतरराष्ट्रीय महत्व की रामसर साइट ‘पार्वती अरगा पक्षी विहार’ को मिला है। इस कड़ी में आज अयोध्या में क्षेत्रीय उत्तर भारत के 9 राज्यों की वर्कशॉप का आयोजन हुआ है। 02 फरवरी को विश्व वेटलैंड्स दिवस के उपलक्ष्य में पार्वती अरगा पक्षी विहार में भारत सरकार द्वारा उत्तर प्रदेश सरकार के सहयोग से राष्ट्रीय स्तर के कार्यक्रम का आयोजन हो रहा है, जिसमें मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहेंगे। 2 फरवरी को उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा पार्वती अरगा आर्द्रभूमि का एकीकृत प्रबंधन योजना पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय को सौंपेगी। पिछले एक माह से पूरे देश में, नेशनल म्यूजियम ऑन नेचुरल हिस्ट्री द्वारा आर्द्रभूमियों के संरक्षण के लिए जागरूकता अभियान चलाया गया, जिसमें 2000 से अधिक स्कूल एवं कॉलेज के बच्चों ने पेंटिंग, नुक्कड़-नाटक एवं क्विज प्रतियोगिता में भाग लिया। गोंडा में भी बड़े पैमाने पर आयोजित जागरूकता कार्यक्रम में स्कूल एवं कॉलेज के बच्चों ने पेंटिंग, नुक्कड़-नाटक एवं प्रतियोगिता में भाग लिया। कार्यशाला में भारत के पाँच राज्यों एवं चार संघ शासित प्रदेशों से आए हुए रामसर साइट्स मैनेजरों ने अपने अनुभवो एवं विचारों को साझा किए। कार्यशाला में हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, पंजाब, उत्तराखंड एवं उत्तर प्रदेश, दिल्ली, चंडीगढ़, जम्मू- कश्मीर एवं लद्दाख से आए रामसर मैनेजर शामिल हैं।
केंद्रीय राज्यमंत्री श्री सिंह ने कहा कि वेटलैंड्स के संरक्षण को प्राथमिकता देते हुए समग्र विकास की मुख्यधारा में लाने और सतत विकास को सुनिश्चित करने के लिए मंत्रालय द्वारा ‘मिशन सहभागिता’ 2022 में शुरू किया गया था। भारत का वेटलैंड्स संरक्षण दृष्टिकोण मिशन सहभागिता के माध्यम से स्टेकहोल्डर्स की भागीदारी और विकास योजनाओं में वेटलैंड्स संरक्षण को मुख्यधारा में लाने पर केंद्रित है। उत्तर प्रदेश 1,33,434 वेटलैंड्स से समृद्ध है, जो राज्य के कुल भौगोलिक क्षेत्रफल का 5.16 प्रतिशत कवर करती हैं। उत्तर प्रदेश में दस रामसर साइट्स हैं, जिनमें राज्य की पहली रामसर साइट ‘ऊपरी गंगा नदी’ से लेकर नवीनतम ‘हैदरपुर वेटलैंड्’ तक शामिल हैं। तमिलनाडु के बाद उत्तर प्रदेश में सबसे अधिक रामसर साइट्स हैं। पार्वती अरगा पक्षी विहार प्राकृतिक बाढ़ क्षेत्र की सबसे बड़े वेटलैंड्स में से एक है, जो एक लाख से ज्यादा पक्षियों को आश्रय प्रदान करता है। यह वेटलैंड् समृद्ध वनस्पति और जीव-जंतुओं की विविधता का घर है। पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय की राष्ट्रीय जलीय पारिस्थितिकी तंत्र संरक्षण योजना के तहत 13 आर्द्रभूमियों का संरक्षण किया जा रहा है। उत्तर प्रदेश की राज्य स्तरीय आर्द्रभूमि संचालन समिति ने जिला स्तर पर महत्वपूर्ण वेटलैंड्स की पहचान के लिए संबंधित विभागों को निर्देश दिए हैं। पत्रकार वार्ता में मंत्रालय के संयुक्त सचिव रजत अग्रवाल, पीसीसीएफ वाइल्ड लाइफ अनुराधा वैमुरी उपस्थित थे।
कार्यशाला का शुभारम्भ मा0 राज्य मंत्री, पर्यावरण वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा दीप प्रज्वलित करके किया गया। तत्पश्चात् मा० अतिथि गण को रुद्राक्ष का पौधा देते हुए उनका स्वागत किया गया। कार्यशाला के प्रारम्भ में डा0एम0 रमेश, वैज्ञानिक एफ, पर्यावरण वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा कार्यशाला में आये सभी अतिथियों एवं प्रतिभागियों का स्वागत करते हुए, कार्यशाला के उद्देश्य तथा उसके साथ दिनांक 02.02.2025 को पार्वती अर्गा पक्षी विहार, गोंडा में आयोजित होने वाले कार्यक्रमों से अवगत कराया गया। इसके पश्चात माननीय संयुक्त सचिव, पर्यावरण वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग, भारत सरकार द्वारा आर्द्रभूमि संरक्षण तथा उसके विवेकपूर्ण उपयोग के सम्बन्ध में विस्तृत जानकारी दी गयी। साथ ही उनके द्वारा आर्द्रभूमि में पायी जाने वाली विभिन्न वनस्पतियों तथा जीव जन्तुओं के सम्बन्ध में भी चर्चा की गयी। इसके पश्चात् मा0 मंत्री जी द्वारा पुस्तिका का विमोचन किया गया तथा वेटलैंड संरक्षण एवं तालाबों के नवजीवन हेतु सात कदम पोस्टर लांच किया गया। अनुराधा वैमुरी, प्रधान मुख्य वन संरक्षक, वन्यजीव, उ0प्र0, लखनऊ द्वारा आर्द्रभूमि संरक्षण एवं विकास के सम्बन्ध में विस्तृत रूप से चर्चा की गयी। केंद्रीय राज्यमंत्री श्री सिंह शनिवार को वर्ल्ड वेटलैंड्स डे के उपलक्ष्य में सात राज्यों के रीजनल कार्यशाला के शुभारंभ के बाद पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे।