उत्तर प्रदेश

ग्रामोदय विश्वविद्यालय में राष्ट्रीय संगोष्ठी का शुभारंभ

आईटीएसआर जयपुर ने कुलगुरु प्रो भरत मिश्रा को फॉलोसिप अवार्ड 2024 तथा डॉ राजीव राठौर को सर्वोच्च चिकित्सा सम्मान 2024 से किया सम्मानित

चित्रकूट,25 अक्टूबर 2024
बीके यादव/बालजी दैनिक

महात्मा गांधी चित्रकूट ग्रामोदय विश्वविद्यालय में आज पर्यावरण संरक्षण एवं ग्रामीण विकास में कृषि भूमिका, जंगली जानवरों और पालतू पशुओं की भूमिका विषयक दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का शुभारंभ कार्यक्रम कुलगुरु प्रो भरत मिश्रा, प्रो सुभाष मोर, कामदगिरि पीठम के अधिकारी डॉ मदन गोपाल दास, डॉ अजय कुमार आदि के आतिथ्य में संपन्न हुआ। इस मौके पर आई टी एस आर जयपुर द्वारा प्रो भरत मिश्रा को फॉलोसिप अवार्ड 2024 तथा डॉ राजीव राठौर को सर्वोच्च चिकित्सा सम्मान 2024 से सम्मानित किया गया।

इस अवसर आयोजन सचिव डॉ उमेश कुमार शुक्ला ने सभी अतिथियों का स्वागत किया ।प्रो सुमन मोर ने विषय स्थापना की।

कुलगुरु प्रो भरत मिश्रा ने अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में कहा कि प्लास्टिक का उपयोग कम से कम हो हम सभी को इसका ध्यान रखना है ।सभी जल संरक्षण के कार्य में संलग्न रहे यह समय की आवश्यकता है विश्वविद्यालय में एक पेड़ मां के नाम अंतर्गत विश्वविद्यालय में पौधारोपण का कार्य संचालित है।

डॉ अजय कुमार ने वेद में लिखी विभिन्न ऋषियों के माध्यम से पर्यावरण के विभिन्न आयामों पर प्रकाश डालते बताया कि गर्मी की तपती दोपहरी में पेड़ हमें देते हैं छाया जैसे लोकगीत पर्यावरण के महत्व को दर्शाता है जब प्रकृति पूर्ण होगी तो पूरी सृष्टि पुष्ट होगी मनुष्य को स्वतंत्र विचार की शक्ति सृष्टि के माध्यम में से प्राप्त है आदर्श सृष्टि के प्रत्येक घटक के प्रति आदर तथा मैत्री भाव मनुष्य के अंदर विद्यमान है सृष्टि के एक घटक के अनुपस्थित होने से समस्त प्रकृति प्रभावित होती है पेड़ हमें प्राण वायु देते हैं

पेड़ों का जीवन वर्ष पर निर्भर है वर्ष सूर्य के प्रकाश के माध्यम वाष्पोत्सर्जन पर निर्भर है
कामदगिरि पीठम ‌ के अधिकारी डॉ मदन गोपाल दास ने अपने उद्बोधन में बताया कि श्री चित्रकूट प्राचीन समय से ही शोध का क्षेत्र रहा है जहां ऋषि मुनियों ने पर्यावरण और धर्म को जोड़कर अपना संपूर्ण जीवन व्यतीत किया नाना जी द्वारा स्थापित ग्रामोदय विश्वविद्यालय शोध में अग्रणी है पर्यावरण से जुड़ी प्रमुख समस्याओं पर शोध की इस कड़ी का अत्यंत महत्व है ग्रामीण क्षेत्र में पहले प्रत्येक घर में खूटी पर गाय होती थी एवं आज प्रत्येक व्यक्ति को शुद्ध दूध चाहिए गए अर्थव्यवस्था का प्रमुख स्तंभ है इसीलिए आज घरेलू जीव का प्रमुख स्थान होना चाहिए।

डॉ अजय कुमार ने उपस्थित युवाओं का आवाहन कि आप पर्यावरण के महत्व को समझ में प्रसारित करें।पृथ्वी के सभी तत्व हमारे लिए उपयोगी हैं जल जीवन है इसके लिए उसका सदुपयोग होना ही चाहिए विज्ञान के परस्पर सकती है किंतु प्रकृति जैसे हम ईश्वर समझते हैं वह सर्वशक्तिमान है पर्यावरण संरक्षण गतिविधि जल एवं जंगल जन जमीन और जानवर को लेकर संवेदनशील है तथा इनके संरक्षण पर कार्य कर रही है।धन्यवाद ज्ञापन डॉ सुधाकर प्रसाद मिश्रा अधिष्ठाता कृषि संकाय ने किया तथा उद्घाटन सत्र का संचालन डॉ देवेंद्र प्रसाद पांडे विभाग अध्यक्ष ग्रामीण प्रबंधन विभाग ने किया।

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