उत्तर प्रदेशसीतापुर

सीएचसी अधीक्षक द्वारा राष्ट्रीय क्षय रोग उन्मूलन कार्यक्रम का किया गया आयोजन

टीबी हारेगा देश जीतेगा की अवधारणा हो रही साकार

25 टीबी रोगियों को कराई गई टीबी कीट मुहैया

सीतापुर जनपद के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पिसावाँ में अतिमहत्वाकांक्षी “राष्ट्रीय क्षय रोग उन्मूलन कार्यक्रम”के अन्तर्गत क्षय रोगियों को गोद लेने का कार्यक्रम सुचारू रूप से सम्पन्न हुआ।साथ ही संयुक्त राष्ट्र के सतत विकास लक्ष्य -3 के तहत भारत के वर्ष 2025 तक क्षय रोग उन्मूलन के लक्ष्य को देखते हुए कार्यक्रम में चिकित्साधिकारियों-कर्मचारियों ने क्षय रोग उन्मूलन में अपना उत्कृष्ट योगदान देने का विनिश्चय किया ताकि “टी०बी० हारेगा देश जीतेगा “ की अवधारणा को साकार किया जा सके। इस कार्यक्रम में सी एच सी अधीक्षक डॉ संतोष चौधरी, एम०ओ०टी०सी० डॉ सर्वेश कुमार, एस टी एस श्री तपन सिंह , पी एम डबल्यू श्री रंजीत कुमार समेत अन्य अधिकारियों-कर्मचारियों द्वारा कई क्षय रोगियों को गोद लिया गया एवं डालमिया चीनी मिल जवाहर पुर के एक प्रतिनिधि मंडल के द्वारा 25 क्षय रोगियों को पोषण किट मुहैया करायी गयी ताकि उनके उपचार एवं समुचित देखभाल के साथ साथ पौष्टिक आहार की सुलभ उपलब्धता सुनिश्चित करायी जा सके।साथ ही भारत सरकार के द्वारा प्रति क्षय रोगी को उनके पोषण भत्ता स्वरूप रू 500 से बढ़ा कर रू 1000 दिया जाएगा।

ज्ञातव्य है कि क्षय रोग (टीबी) एक गंभीर बीमारी है जो मुख्य रूप से फेफड़ों को प्रभावित करती है। क्षय रोग पैदा करने वाले कीटाणु एक प्रकार के बैक्टीरिया होते हैं।

टीबी रोग तब फैल सकता है जब बीमारी से पीड़ित व्यक्ति खांसता, छींकता या गाता है। इससे रोगाणुओं के साथ छोटी बूंदें हवा में फैल सकती हैं। फिर कोई दूसरा व्यक्ति उन बूंदों को सांस के साथ अंदर ले सकता है और रोगाणु फेफड़ों में प्रवेश कर जाते हैं।

टीबी उन जगहों पर आसानी से फैलती है जहाँ लोग भीड़ में इकट्ठा होते हैं या जहाँ लोग भीड़-भाड़ वाली जगहों पर रहते हैं। एचआईवी/एड्स से पीड़ित लोगों और कमज़ोर प्रतिरक्षा प्रणाली वाले अन्य लोगों में टीबी होने का जोखिम सामान्य प्रतिरक्षा प्रणाली वाले लोगों की तुलना में ज़्यादा होता है।
फेफड़ों में सक्रिय टीबी रोग के लक्षण आमतौर पर धीरे-धीरे शुरू होते हैं और कुछ हफ़्तों में बिगड़ जाते हैं। इनमें ये शामिल हो सकते हैं:

खाँसी।
खांसी में खून या बलगम आना।
छाती में दर्द।
सांस लेने या खांसने के साथ दर्द होना।
बुखार।
ठंड लगना.
रात का पसीना।
वजन घटना.
खाने की इच्छा न होना।
थकान इत्यादि ।
किसी को भी टीबी हो सकती है, लेकिन कुछ कारक संक्रमण के जोखिम को बढ़ा देते हैं। अन्य कारक संक्रमण के सक्रिय टीबी रोग में बदलने के जोखिम को बढ़ा देते हैं।

रोग नियंत्रण एवं रोकथाम केंद्र उन लोगों के लिए टीबी परीक्षण की अनुशंसा करता है, जिन्हें टीबी संक्रमण या सक्रिय टीबी रोग का जोखिम अधिक है । यदि आपमें निम्नलिखित में से एक या अधिक जोखिम कारक हैं, तो अपने नजदीकी स्वास्थ्य सेवा प्रदाता से परामर्श प्राप्त करें।

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