प्रकृति जीवन का आधार है, इसका संरक्षण जरूरी— कुलपति प्रो. रोहित रमेश
प्रयागराज ११ जनवरी
बीके यादव/ बालजी दैनिक
नेहरू ग्राम भारती मानित विश्वविद्यालय के वनस्पति विज्ञान विभाग एवं केंद्रीय उपकरण सुविधा केंद्र के संयुक्त तत्वावधान में 7 से 11 जनवरी 2025 तक पाँच दिवसीय वैश्विक प्रदूषण एवं पर्यावरणीय निगरानी तकनीकी पर हस्त प्रशिक्षण का समापन। समापन कर्यक्रम में बताैर मुख्य वक्ता इलाहाबाद विश्वविद्यालय के के. बैनर्जी सेंटर ऑफ एटमॉस्फेरिक एंड ओशन साइंस के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ विवेक कुमार पांडेय ने बताया कि जल, वायु तथा खाद्य पदार्थ का दूषण संकेत है कि मानव जनित व्यवहार पर्यावरण सह गतिविधि अपना ले। विश्वविद्यालय के कुलपति प्राे० राेहित रमेश ने अपने उद्बोधन में पर्यावरण प्रदूषण एवं वातावरणीय परिवर्तन के प्रति हर देश को मानव गतिविधि रहित पारितंत्र से सीखने की जरूरत बताया। इस प्रक्रार प्रकृति जो जीवन का आधार है सांख्य दर्शन के अनुसार उसका संरक्षण जरूरी है। प्रतिकुलपति डॉ० एस०सी० तिवारी ने पर्यावरण संरक्षण हेतु पांच तत्व (जल, मिट्टी, वायु,आग, आसमान) को शास्त्रों में वर्णित प्रदूषण कम करने के श्रोत को अपनाकर वर्तमान प्रशिक्षण द्वारा विश्वसनीय व वैध हेतु मशीन से डाटा विश्लेषण जरूरी बताया।कार्यक्रम संयोजक डॉ आदि नाथ ने अतिथियों का स्वागत करते हुए बताया कि वैश्विक स्तर पर वायु, जल, मृदा, वातावरण प्रदूषण से सम्बंधित पांच दिवसीय इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में महाकुंभ के पूर्व अभ्यास सत्र हेतु वायु, जल, मिट्टी के विविध पैरामीटर, कोलीफॉर्म टेस्ट सहित विभिन्न रासायनिक तत्वों के विश्लेषण की विधा का अभ्यास कराया गया। धन्यवाद ज्ञापन डॉ० शक्ति नाथ त्रिपाठी ने किया। इस अवसर पर शोध छात्र, सभी संकायाध्यक्ष, विभागाध्यक्ष, विज्ञान संकाय के सदस्यों सहित सैकड़ों प्रतिभागी सम्मिलित हुए।