उत्तर प्रदेशसीतापुर

नव दिवसीय श्रीमद भागवत कथा का आयोजन किया गया

ब्यूरो रिपोर्ट अनूप पाण्डेय

जनपद सीतापुर के ब्लॉक ऐलिया के ग्राम कोरैया उदयपुर में स्थित सिद्धपीठ काली माता मंदिर मनोकामना पूर्ण होने के उपलक्ष्य में यजमान जयवीर सिंह , निधी सिंह के द्वारा आयोजित की गयी नवदिवसीय श्रीमद भागवत कथा मंदिर के पुजारी राजेंद्र सिंह सोमवंशी ने बताया कि यहां जो भी भक्त सच्ची श्रद्धा और विश्वास से आता है माता रानी उसकी सारी मनोकामना पूर्ण होती श्रीमद भागवत कथा में पधारे राष्ट्रप्रहरी पवनेश जी महाराज अंतराष्ट्रीय कथा व्यास संस्थापक राष्ट्रीय अध्यक्ष भारतीय हिन्दू परिषद के द्वारा कथा के सातवें दिवस में श्रीमद भागवत के दशम स्कंद के अंतर्गत श्री कृष्ण जन्मोत्सव की कथा सुनाई और बताया कि मथुरा के राजा उग्रसेन अपनी प्रजा का बहुत ख्याल रखते थे और उनके राज्य में सिंह और बकरी एक घाट पर पानी पीते थे उग्रसेन का पुत्र कंस जो एक दिन अपने पिता को जेल में डाल कर खुद राज सिंहासन पर बैठ गया और फिर क्या था उसने अत्याचार करना प्रारंभ कर दिया कंस के अत्याचार को सहन जब नहीं हुआ तो वहां के प्रजावासियों ने प्रभु से अनुनन्य विनय किया तब प्रभु ने कहा कि मैं कंस के अत्याचार को खत्म करूंगा उधर कंस की एक चचेरी बहन देवकी थी कंस अपनी बहन से बहुत प्रेम करता था उसकी शादी बासुदेव से की जब अपनी बहन को विदा करने अपने रथ से जाने लगा तब अकाशवाणी हुई कि हे कंस जो तुम अपनी बहन को इतने प्यार से विदा करने जा रहे हो उसी बहन के आठवें पुत्र के हाथों तुम्हारी मृत्यु होगी आकाशवाणी को सुनकर कंस ने तुरंत देवकी को रथ से खींच के तलवार निकाल कर मारने दौड़ा तभी वासुदेव ने हाथ जोड़कर कहा कि जो भी मेरे पुत्र होंगे उन सभी को एक एक कर आप को सौंपता रहूंगा कंस ने वासुदेव व देवकी को कारागार में डाल दिया जब पहला पुत्र हुआ तो वासुदेव ने उस पुत्र को लेकर कंस के पास गया मगर उसने कहा कि इससे मुझे क्या खतरा मेरी मृत्यु तो आठवें पुत्र से है जाओ मैं इसको नहीं मारूंगा तभी नारद ने वहां आके समझाया कि पहला भी आठवां हो सकता धीरे धीरे कंस ने वासुदेव के सात पुत्रों को मार डाला भादौ की अष्टमी रेवती नक्षत्र में श्री कृष्ण भगवान का अवतार हुआ कथा को सुनकर श्रोतागण मंत्रमुग्ध हो गए

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