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सड़क निर्माण में सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता मिले: नितिन गडकरी

रायपुर: केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने सड़क दुर्घटनाओं और उसके कारण होने वाली मौतों की बढ़ती संख्या की ओर ध्यान आकर्षित किया है. उन्होंने देश में सड़कों के निर्माण में सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता देने पर जोर दिया.

बढ़ते सड़क हादसों पर गडकरी ने जताई चिंता: शुक्रवार को पंडित दीनदयाल उपाध्याय ऑडिटोरियम में भारतीय सड़क कांग्रेस के 83वें वार्षिक सत्र को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि अगर भविष्य में सड़क इंजीनियरिंग की गलती के कारण किसी की मौत होती है तो वह इसके लिए खुद को दोषी मानेंगे. मंत्री ने कहा कि हर साल सड़क दुर्घटनाओं के कारण 1.50 लाख मौतें होती हैं, जो अब बढ़कर 1.68 लाख हो गई हैं.

हम सड़क दुर्घटनाओं को रोकने के लिए गंभीर प्रयास कर रहे हैं. सड़क दुर्घटनाओं के लगभग 60 प्रतिशत पीड़ित 18 से 34 वर्ष की आयु के हैं. मैं आपसे आग्रह करना चाहूंगा कि ऐसी सड़कें बनाएं जहां कोई दुर्घटना न हो: नितिन गडकरी, केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री

अधिकारियों और इंजीनियरों को गड़करी की सलाह: सड़क दुर्घटनाओं को रोकने के लिए केंद्र के प्रयासों पर प्रकाश डालते हुए उन्होंने सरकारी इंजीनियरों से अपनी नौकरी छोड़कर एक अच्छी डीपीआर (विस्तृत परियोजना रिपोर्ट) बनाने वाली कंपनी शुरू करने का आग्रह किया और उन्हें प्राथमिकता के आधार पर काम देने का आश्वासन दिया. गडकरी ने कहा कि सड़क इंजीनियरिंग में सुधार से दुर्घटनाओं पर अंकुश लगेगा और लोगों की जान बचेगी. अधिकारियों और इंजीनियरों की ओर इशारा करते हुए मंत्री ने कहा कि परियोजनाओं के लिए डीपीआर की सावधानीपूर्वक जांच किए बिना कोई भी निविदा जारी नहीं की जानी चाहिए.

छत्तीसगढ़ के लिए सड़क परियोजनाओं की घोषणा: केंद्रीय सड़क मंत्री ने छत्तीसगढ़ के लिए कई सड़क परियोजनाओं की घोषणा की. उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ में अगले दो साल में अमेरिका जैसा सड़क नेटवर्क होगा. मंत्री ने इसके लिए 20000 करोड़ की सौगात दी. 20 हजार करोड़ से फोरलेन सड़कें और फ्लाई ओव्हर प्रदेश में बनाए जाएंगे.

पराली से बिटुमेन और सीएनजी के उत्पादन पर जोर: सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री ने कृषि प्रधान छत्तीसगढ़ में पराली से बिटुमेन और सीएनजी के उत्पादन पर जोर दिया और तर्क दिया कि इस कदम से जीवाश्म ईंधन पर निर्भरता कम होगी और प्रदूषण पर लगाम लगेगी. अगर छत्तीसगढ़ पराली से बिटुमेन बनाना शुरू करता है, तो यह अपशिष्ट से संपदा बनाने की दिशा में एक कदम होगा. केंद्रीय मंत्री ने कहा कि अगर छत्तीसगढ़ भी ऐसा ही करेगा तो राज्य में पेट्रोल और डीजल की जरूरत नहीं पड़ेगी.

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