उत्तर प्रदेशगोण्डा

जेसीबी से अवैध खनन के मामले में डेढ़ महीने बाद भी नहीं हुई कार्रवाई

एसडीएम का आदेश बेअसर,खनन माफियाओं के हौंसले बुलंद

खनन माफिया में नहीं दिख रहा प्रशासन का कोई भय

अनिल कुमार द्विवेदी
बी न्यूज दैनिक

गोण्डा। जिले के कर्नलगंज तहसील व कोतवाली कर्नलगंज क्षेत्र में खनन माफिया के हौंसले काफी बुलंद हैं। यहां स्थानीय प्रशासन की मिलीभगत से दिन रात जमकर बड़े पैमाने पर अवैध खनन लगातार जारी है। क्षेत्र में खनन माफिया का बोलबाला होने के साथ ही अवैध खनन का कारोबार तेजी से फल- फूल रहा है। खनन माफिया में प्रशासन का कोई भय नहीं दिख रहा है और डीएम के आदेशों की खुलेआम धज्जियां उड़ाई जा रही हैं। क्षेत्र में अवैध मिट्टी खनन करके बिक्री करने वाले लोगों को बचाने के लिये राजस्व कर्मी व कोतवाली पुलिस एसडीएम का आदेश भी मानने को तैयार नही है और मामले को हजम कर कोई कार्रवाई नहीं कर रही है,जिससे खनन माफियाओं के हौसले बुलंद है। मामला तहसील व कोतवाली कर्नलगंज क्षेत्र से जुड़ा है। यहां के हीरापुर कमियार परसन पुरवा निवासी अधिवक्ता आत्माराम शुक्ल पुत्र जगदम्बिका प्रसाद शुक्ल ने बीते अक्टूबर माह 2024 में उपजिलाधिकारी को दिए गए शिकायती पत्र में कहा था कि उनके खेत के बगल में विपक्षीगण शीतल पुत्र रामबक्स व रामदीन व रामसमुझ पुत्रगण ननकऊ ग्राम हीरापुर कमियार (अहली खाले यादव) का खेत है। उक्त मेड़दरान ने राकेश पुत्र उमा सिंह के हाथ मिट्टी बेंच डाले हैं और उनके खेत की मेड़ को बिगाड़कर करीब 7 फुट गहरान की मिट्टी जेसीबी के द्वारा खनन किया गया है जिससे खेत की मिट्टी गड्ढे में गिर रही है। इससे उसे काफी नुक़सान हो रहा है। उन्होंने मिट्टी खोदान रोकवाकर उनके खेत की सरहद जेसीबी से ठीक कराकर मुआवजा दिलाने की मांग की थी। मामले को संज्ञान में लेकर एसडीएम भारत भार्गव ने 28 अक्टूबर 2024 को क्षेत्रीय राजस्व निरीक्षक व हल्का लेखपाल व प्रभारी निरीक्षक कोतवाली कर्नलगंज को संयुक्त रूप से आदेशित किया गया था कि खनन का परमीशन चेक करें और खनन से किसी खातेदार की संक्रमणीय भूमि प्रभावित ना हो। यदि खनन अवैध हो रहा है तो तत्काल रोंककर कार्रवाई करें। उक्त आदेश के डेढ़ महीने बाद अभी तक दोषी व्यक्तियों के विरूद्ध कोई कार्रवाई नहीं की गई है और जिम्मेदार राजस्व कर्मी व पुलिस प्रशासन खनन माफियाओं को बचाने में लगे हैं। जिससे प्रतीत होता है कि राजस्व विभाग व पुलिस प्रशासन के जिम्मेदारों के संरक्षण में ही अवैध रूप से मिट्टी खनन व बिक्री कार्य संचालित हो रहा है। इस संबंध में जानकारी करने हेतु दूरभाष के माध्यम से एसडीएम से संपर्क करने का प्रयास किया गया तो उनका फोन नेटवर्क क्षेत्र से बाहर था।

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