उत्तराखण्डराज्य

अब धामीराज में खुलेगा एप में योजनाओं का पिटारा..

अब तक का सबसे रोचक है जानकारी पाने का तरीका..

अनीता तिवारी , बालजी दैनिक

ब्यूरो रिपोर्ट , 15 नवंबर , उत्तराखंड: की धामी सरकार की कल्याणकारी योजनाओं का लाभ हर पात्र व्यक्ति तक पहुंचाने के लिए राज्य सेतु आयोग ‘मेरी योजना पोर्टल’ तैयार कर रहा है। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की मदद से इस पोर्टल को बहुत सहज बनाया जा रहा है। यह एप आवेदक के दस्तावेज का सारा हाल बता देगा और साथ ही बताएगा कि किस योजना के लिए पात्रता है।यदि कोई व्यक्ति मछली पालन की योजना के बारे जानकारी लेना चाहता है तो उसे अपने स्मार्ट फोन पर इंस्टॉल मेरी योजना पोर्टल एप से सिर्फ मछली बोलना होगा। मछली बोलते ही मत्स्य पालन से जुड़ी जितनी भी योजनाएं हैं सब सामने होंगी। एप यह बताएगा कि मछली पालन से लेकर अन्य कई योजनाओं के लाभ लेने के लिए क्या पात्रता होनी चाहिए। किस योजना में लोन की सुविधा है। इसकी प्रक्रिया क्या है। यदि स्कीम सब्सिडी वाली है तो वह कितनी मिलेगी।

राज्य सेतु आयोग के उपाध्यक्ष राजशेखर जोशी का कहना हैं कि सरकार का यह अनुभव है कि विभागों में कई अच्छी योजनाएं हैं लेकिन जिस हिसाब से इनका फायदा लोगों को होना चाहिए वह नहीं हो पा रहा है। विभागीय प्रयासों के बावजूद योजनाओं की जानकारी लोगों तक नहीं पहुंच पाती है। यही कारण है कि अब मेरी योजना पोर्टल एप तैयार किया जा रहा है। इसमें आम बोलचाल में संवाद की भी सुविधा होगी।

माई स्कीम पोर्टल के होंगे तीन चरण..

पहला चरण- योजनाओं की खोज पहला विकल्प होगा। एप पर व्यक्ति स्वरोजगार, खेती, उद्यानिकी, पशुपालन, पेंशन, छात्रवृत्ति समेत तमाम इच्छुक योजनाओं के बारे जानकारी पूछेगा तो उसे उसकी योग्यता, लोन, अनुदान ट्रेनिंग के बारे में सारी जानकारी मिल जाएगी।

दूसरा चरण- योजना के लिए आवेदन की प्रक्रिया पता होगी। यदि कोई व्यक्ति सेब, अखरोट आदि की योजना के बारे में जानकारी लेना चाहता है तो माई स्कीम पोर्टल से जुड़ी उद्यान विभाग की वेबसाइट खुल जाएगी, जिसमें संबंधित योजना के आवेदन की प्रक्रिया के बारे में जानकारी होगी।

तीसरा चरण- तीसरा चरण मॉनिटरिंग और फीडबैक से संबंधित होगा। आवेदक के पास पोर्टल पर यह बताने का भी विकल्प होगा कि जिस योजना का लाभ उसने लिया, उसका क्या अनुभव रहा। क्या स्कीम उसकी उम्मीद के अनुसार लाभकारी रही। यदि नहीं तो उसके क्या कारण रहे। बता दे कि आईटीडीए के सहयोग से पोर्टल पर काम शुरू हो गया है। सभी विभागों से योजनाओं के आंकड़े जुटाए जा रहे हैं। पोर्टल को तैयार होने में चार से छह महीने का समय लगेगा।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button