यूनानी मेडिकल कॉलेज को छह महीने में पौने सात करोड़ नहीं दिला सके अफसर
बरेली। जिले से लेकर मंडल और शासन स्तर के अधिकारी यूनानी मेडिकल काॅलेज की इमारत का निर्माण पूरा होने के बाद भी उसमें न तो इलाज शुरू करा सके, न ही पढ़ाई। बिजली कनेक्शन के लिए पौने सात करोड़ रुपये की जरूरत है, पर एस्टीमेट जहां का तहां अटका है।
शहर के हजियापुर में मंडल के पहले राजकीय यूनानी मेडिकल काॅलेज की इमारत 113 करोड़ रुपये खर्च कर बनाई गई। निर्माण कार्य 30 नवंबर 2024 को पूरा हो गया था। अब बिजली कनेक्शन न होने से संचालन में बाधा आ रही है। इमारत की डीपीआर में बिजली कनेक्शन के लिए प्रावधान नहीं किया गया था। कार्यदायी संस्था लोक निर्माण विभाग और अल्पसंख्ययक कल्याण विभाग के बीच मामला फंसा है। दोनों विभाग एक-दूसरे पर जिम्मेदारी डाल रहे हैं।
लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों का कहना है कि जब डीपीआर में प्रावधान नहीं है तो वे कनेक्शन कैसे कराएं? वहीं अल्पसंख्यक कल्याण विभाग का कहना है कि डीपीआर पीडब्ल्यूडी ने ही बनाई थी तो उसमें प्रावधान क्यों नहीं किया? दोनों विभागों की बातचीत में नतीजा नहीं निकला तो मामला शासन तक पहुंचा। अल्पसंख्यक कल्याण विभाग ने कनेक्शन के लिए बजट देने से इन्कार कर दिया।
अब बीडीए बोर्ड पर से मिल सकता है बजट
अब बरेली विकास प्राधिकरण के बोर्ड पर निगाहें टिकीं हैं। अल्पसंख्यक कल्याण विभाग की निदेशक जे रीभा ने फोन कॉल पर बीडीए उपाध्यक्ष मनिकंडन ए से बात कर बिजली कनेक्शन के लिए बजट देने का आग्रह किया। बीडीए वीसी ने कहा कि अवस्थपाना निधि से बजट दिया जा सकता है, लेकिन इसके लिए प्रस्ताव होना जरूरी है। बोर्ड के पास बजट की कमी नहीं है, लेकिन अंतिम निर्णय कमिश्नर की अध्यक्षता में होने वाली बैठक में होगा।