उत्तर प्रदेशप्रयागराज

तीर्थराज प्रयागराज के महाकुंभ में चल रहे एक सौ कुंडीय द्वादश पुरुषचरनात्मक होमआत्मक यज्ञ में पुण्य आत्माओं की मुक्ति के लिये भी लगेगी आहुतियां…

महाकुंभ नगर ०६ फरवरी

बीके यादव/बालजी दैनिक

अखिल भारत वर्षीय धर्म संघ स्वामी करपात्री फाउंडेशन एवं वैदिक कायाकल्प संस्थान के संयुक्त तत्वावधान में विश्व का सबसे बड़े आयोजन तीर्थराज प्रयागराज में हो रहा पूर्ण महाकुंभ पर विशेष महायज्ञ किया जा रहा हैं। वैदिक कायाकल्प संस्थान के सचिव सुमित गुप्ता ने बताया कि महाकुंभ में प्रथम बार अलौकिक अद्वितीय, विलक्षण एक सौ कुड़िय द्वादश पुरुषचरनात्मक होमआत्मक श्री गायत्री स्मारत महायज्ञ, श्री राजराजेश्वरी महायज्ञ कोटी अर्चन, अष्टादस पुराण पारायण महायज्ञ, चतुर्वेद पारायण महायज्ञ 13 जनवरी से चालू है जो 12 फरवरी पर्यंत तक एवं श्रीमद् भागवत कथा एवं होमआत्मक श्री ईस्टी स्रोत महायज्ञ एवं कई अन्य दिव्य अनुष्ठान किए जा रहे हैं। इस अवसर पर तीर्थराज प्रयागराज में भगवान कोटेश्वर महादेव के सानिध्य में 3 करोड़ आहुति का एक मात्र महायज्ञ चल रहा है। जहां पर 451 वैदिक ब्राह्मण वेद माता गायत्री के होमात्मक महायज्ञ के द्वारा आहुतियां दे रहे हैं।

मौनी अमावस्या के दिन जान गंवाने वाली पुण्य आत्माओं को जलांजलि देकर उनकी शांति के लिए करें प्रार्थना…
प्रयागराज से धर्मगुरु अनंत विभूषित धर्मावतार ब्रह्मानंद सरस्वती महाराज ने
सबको महाकुंभ की हार्दिक शुभकामनाएं देते हुए इस कल्पवास में आकर दर्शन करने का आह्वान करते हुए संपूर्ण भारतवर्ष में एक संदेश दिया कि मौनी अमावस्या के दिन ज्ञात अज्ञात जनहानि से जान गंवाने वाले देशवासी जो हम सभी के मित्र, रिश्तेदार ही हैं इसलिए उनकी आत्माओं की शांति के लिए एक जलांजलि अवश्य दें।

माघ मेले में आने वाली पुण्य-तिथियों में किसी भी एक दिन एकादशी, चतुर्दशी या पूर्णिमा के दिन या आने वाली अमावस्या के दिन एक जलांजलि देकर पुण्य आत्माओं की शांति की प्रार्थना करें। तथा जहां तक हो सके यह संदेश जन-जन तक पहुंचाएं।

महा यज्ञ की भूमि हैं प्रयागराज, चर्चा का विषय बनाने की बजाय श्रद्धा सुमन अर्पित करें…

महाराज जी ने बताया कि सृष्टि कर्ता ब्रह्मा जी के द्वारा सृष्टि का प्रथम यज्ञ तीर्थराज प्रयागराज में ही किया गया था। इस अवसर पर आयोजित हो रहे पूर्ण महाकुंभ में एक अद्भुत संयोग बना है। इस यज्ञ में देवताओं को प्रसन्न करके एवं मनुष्य अपने जीवन को सफल बनाकर चारित्रिक विकास, आध्यात्मिक उन्नति एवं स्वास्थ्य संरक्षण कर परम गति की प्राप्ति कर सकता है। महाराज जी ने निर्देश किया कि हमें इस महापर्व पर किसी भी प्रकार चर्चा का विषय ना बनाकर बल्कि अपनी श्रद्धा सुमन अर्पित करते हुए उन पुण्य आत्माओं के लिए कुछ अच्छे कर्म करना चाहिए जिससे उनको मोक्ष प्रदान हो।

दिवंगत आत्माओं शांति के लिए लगाएं यज्ञशाला की एक परिक्रमा…

डॉक्टर रामविलास दास वेदांती भूतपूर्व सांसद एवं कार्यकारी अध्यक्ष राम सेवा न्यास समिति अयोध्या से आह्वान किया की यज्ञशाला की एक परिक्रमा उन दिवंगत आत्माओं के नाम से लगाए जिससे उनकी मोक्ष प्राप्त हो सके, क्योंकि यज्ञ कर्म सनातन धर्म में सबसे बड़ा कर्म है जिससे मोक्ष की प्राप्ति होती है।

मनुष्य जीवन में 16 संस्कारों के यज्ञ का बहुत महत्व…

इस अवसर पर यज्ञ पीठाधीश्वर श्री विद्या साधक डॉक्टर गुण प्रकाश चैतन्य महाराज ने महायज्ञ के महत्व के बारे में प्रकाश डालते हुए कहा कि 16 संस्कारों में यज्ञ का बहुत महत्व है और यज्ञ हमारे सनातन धर्म में आदि और अनंत है। इसीलिए यज्ञ के द्वारा दिवंगत आत्माओं की शांति के लिए एक आहुति अवश्य दें। उन्होंने कहा कि अगर आप यज्ञ में पहुंच पाने में असमर्थ हैं तो आप अपना गोत्र एवं नाम से एक आहुति ऑनलाइन निशुल्क इस लिंक पर रजिस्टर करे। https://app.vedickayakalp.org/ जिसमें पर दिनांक 8, 9 एवं 10 फरवरी को 451 वैदिक ब्राह्मण यज्ञ नारायण भगवान के सामने आपके नाम से विधि विधान से एक आहुति देंगे।
इस मौके पर सालासर धाम के पुजारी नागर महाराज ने महायज्ञ में अपनी तरफ से आहुति देकर यज्ञशाला की परिक्रमा लगाकर दिवंगत आत्माओं की शांति के लिए अपनी एक आहुति ऑनलाइन रजिस्टर की तथा बालाजी महाराज के चरणों में दिवंगत आत्माओं के लिए प्रार्थना की।

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