उत्तराखण्डराज्य

उपनल मामले में विभागों को सर्वोच्च न्यायालय में पुनर्विचार याचिका दाखिल करने के आदेश

आशीष तिवारी, बालजी दैनिक

देहरादून, 23 नवंबर,

उपनल कर्मचारियों के मामले में सरकार का असली चेहरा सामने आया-सूर्यकांत धस्माना

देहरादून: सैनिक कल्याण सचिव दीपेंद्र चौधरी द्वारा राज्य के उन सभी विभागों को जिनमें उपनल कर्मचारी सेवाएं दे रहे हैं सर्वोच्च न्यायालय में १५ अक्टूबर २०२४ को आए फैसले के खिलाफ पुनर्विचार याचिका दाखिल करने के ताज़ा आदेश से धामी सरकार की असली नियत और असली चेहरा सामने आ गया है और यह सिद्ध हो गया है कि प्रदेश की भारतीय जनता पार्टी सरकार राज्य के युवाओं व बेरोजगारों तथा उपनल कर्मचारियों की घोर विरोधी है , यह बात आज उत्तराखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी के वरिष्ठ उपाध्यक्ष सूर्यकांत धस्माना ने प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय में आयोजित पत्रकार वार्ता में कही। उन्होंने कहा कि वर्ष २०१९ के माननीय उच्च न्यायालय नैनीताल के उस आदेश के खिलाफ जिसमें राज्य में कार्यरत उपनल कर्मचारियों को नियमित करने और समान कार्य के लिए समान वेतन देने को कहा गया था राज्य की भाजपा सरकार सर्वोच्च न्यायालय में एसएलपी में गई थी जिसे छह साल बाद १५ अक्टूबर २०२४ को सर्वोच्च न्यायालय ने खारिज कर दिया था। धस्माना ने कहा कि इस आदेश के बाद वे १६ अक्टूबर को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से इस आग्रह के साथ मिले थे कि प्रदेश सरकार माननीय उच्च न्यायालय नैनीताल के आदेश का सम्मान करते हुए राज्य के उपनल कर्मचारियों को नियमित करने के लिए एक दीर्घ कालीन नीति बनाए और वरिष्ठता क्रम में उपनल कर्मचारियों को विभागों में नियमित करने की घोषणा करे।

धस्माना ने कहा कि मुख्यमंत्री ने उनको यह आश्वाशन दिया था कि वे इस पर कानूनी राय ले कर कर्मचारियों के हित में निर्णय करेंगे और आश्वस्त किया था कि किसी भी उपनल कर्मचारी को सेवा से हटाया नहीं जाएगा। धस्माना ने कहा कि एक महीना बीत जाने पर भी सरकार ने बजाय माननीय उच्च न्यायालय के आदेशों का सम्मान करने के विभिन्न विभागों में उपनल कर्मचारियों को निकालने के लिए नई नियुक्तियों के लिए विज्ञप्ति की तैयारियां शुरू कर दीं और अब तो सैनिक कल्याण सचिव दीपेंद्र चौधरी द्वारा विभिन्न विभागों के अधिकारियों को माननीय सर्वोच्च न्यायालय में पुनर्विचार याचिका दाखिल करने के आदेश जारी करने से यह बात स्पष्ट हो गई है कि प्रदेश की भाजपा सरकार उपनल कर्मचारियों को केवल वार्ता के नाम पर गुमराह कर रही है और वास्तविकता यह है कि सरकार उपनल कर्मचारियों को नियमित करने में कोई रुचि नहीं रखती।

धस्माना ने कहा कि पुलिस भारती में युवाओं को उम्र की छूट न देना, पिथौरागढ़ में प्रादेशिक सेना में भर्ती में युवाओं के ठहरने,पानी भोजन आदि की व्यवस्था ना करना और उन पर उल्टे लाठी चार्ज करना यह साबित करता है कि यह सरकार व भाजपा युवा बेरोजगार व उपनल कर्मचारी विरोधी है। उन्होंने कहा कि वे इस मामले को तब तक उठाते व इसके लिए संघर्ष करते रहेंगे जब उपनल कर्मचारियों को न्याय नहीं मिल जाता।

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