कलयुगी जंगल से स्वर्णिम भारत का सुंदर झांकियों का अवलोकन
महाकुंभ नगर २० जनवरी
बीके यादव/बालजी दैनिक
चैतन्य देवियों के स्वरूप में विराजमान बाल ब्रह्मचारिणी कन्याओं को संत समाज प्रणाम करता है, यह कन्याएं ही वास्तव में शिव की शक्तियां हैं जिनके द्वारा कलियुगी समाज के दुर्गुणों का विनाश हो सतयुग समाज की स्थापना अवश्य होगी तथा भारत माता विश्व गुरु अवश्य बनेंगी। यहां सिखाए जाने वाले राजयोग का लोगों को आकर अनुभव अवश्य करना चाहिए इससे उनके जीवन में ईश्वरीय शक्तियों का संचार होगा।
उपर्युक्त बातें भिंड, मध्य प्रदेश के दंदरौआ धाम के पीठाधीश्वर महामंडलेश्वर 1008 श्री रामदास जी महाराज ने कही। महामंडलेश्वर अन्य संतों के सहित सेक्टर 7 स्थित ब्रह्माकुमारीज के पंडाल में लगी चैतन्य देवियों की झांकी की आरती में मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए।
इस अवसर पर संतों ने कलियुगी जंगल से स्वर्णिम भारत की सुंदर झांकी का अवलोकन किया तथा राजयोग की भी अनुभूति की। ब्रह्माकुमारी बहनों द्वारा परमात्मा शिव के संदेश को जन-जन पहुंचाने तथा राजयोग का प्रचार प्रसार करने के लिए शुभकामना व्यक्त करते हुए उन्होंने कहा कि यहां जो राजयोग सिखाया जाता है, वह वास्तव में भारत का प्राचीन राजयोग है जिससे आत्मा सशक्त होती है और आंतरिक बुराइयों का विनाश हो हमारे में सतोप्रधानता का प्रसार होता है। इस अवसर पर महंत 108 श्री दादू राम जी महाराज, महंत 108 श्री द्वारका दास जी महाराज, करण दास जी महाराज और महंत श्री मस्तराम साधु जी तथा महंत श्री राजकुमार दास जी मौजूद रहे।
ब्रह्माकुमारीज की क्षेत्रीय संयोजिका एवं मेला प्रभारी मनोरमा दीदी ने संतों का स्वागत किया एवं ब्रह्मा कुमारीज के हेड क्वार्टर माउंट आबू राजस्थान चलने का निमंत्रण भी दिया।