गुरु के बिना भवसागर नहीं कर सकते पार: पंकज महराज

अनिल कुमार द्विवेदी
बी न्यूज दैनिक
गोण्डा। ब्लॉक क्षेत्र अन्तर्गत संझवल पंचायत के धुसवा पोखरे पर जय गुरुदेव धर्म प्रचारक संस्था मथुरा के द्वारा आध्यात्मिक जन जागरण यात्रा के तहत एक दिवसीय सत्संग सभा का आयोजन किया गया। सत्संग शुभारंभ से पूर्व पूज्य संत पंकज महराज का संभ्रांतजनों के द्वारा पुष्पाहार भेंटकर स्वागत किया। पूज्य महाराज ने जयगुरुदेव नाम उद्घोष के साथ 108 दिवसीय आध्यात्मिक जन जागरण यात्रा के 72 वें सत्संग सभा को संबोधित करते हुए कहा कि कलियुग और पूर्व के युगों में बहुत बड़ा अंतर आ गया है। मनुष्य की आयु और शारीरिक बल घट गया, मन की चंचलता बढ़ गई, प्राण अन्न में चला आया। प्रभु ने अति दया करके इस कलियुग में संतों को भेजा। उन्होंने यहां आकर आत्मा परमात्मा के गूढ़ रहस्यों को खोला। समझाया कि चौरासी लाख योनियों में मानव सर्वश्रेष्ठ है। इसमें रहकर अपना आत्मकल्याण करा लें। अन्यथा जीवन बेकार चला जाएगा। प्रभु के देश से आकाशवाणी देववाणी आ रही है। जिसका भेद संत महात्मा फकीर ही जानते हैं। गृहस्थ आश्रम के कार्यों को करते हुए थोड़ा सा समय भगवान की याद में जरूर लगाए। उन्होंने चरित्र उत्थान पर जोर देते हुए चरित्र को मानव धर्म की सबसे बड़ी पूंजी बताया। जिसके अभाव में अरबपति की कोई कीमत नहीं। अभी तक लोगों ने बड़ी लड़ाइयां लड़ ली। उससे नफरत के सिवा क्या मिला? अब तो सुकून शांति चाहिए। वह समदर्शी महात्माओं के संदेश से मिलेगी। उन्होंने बाबा जयगुरुदेव जी महाराज के वचनों का स्मरण कराते हुए कहा अभी वक्त है। अपने गुनाहों की माफी प्रभु से मांगकर जीवन में सुधार लाएं। अन्यथा दुष्कर्मों के परिणाम स्वरुप भविष्य में भारी संकटों का सामना करना पड़ेगा। उन्होंने लोगों से शाकाहारी बनने शराब आदि नशों को त्याग करने की अपील की।