झाड़-फूंक का विरोध करने पर हमला, सुरक्षा की गुहार

प्रयागराज। झूंसी स्थित शेख तकी बाबा दरगाह और कनाती मस्जिद के मुत्तवाली व दरगाह प्रबंधक सैयद मसरूर हसन शाह ने प्रेसवार्ता के दौरान आरोप लगाया कि मस्जिद के इमाम और उसके समर्थकों ने उन पर जानलेवा हमला किया। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि इमाम जादू-टोने में लिप्त हैं और स्थानीय दबंगों व भू-माफियाओं का संरक्षण प्राप्त कर मस्जिद पर अवैध कब्जा बनाए हुए हैं।
सैयद मसरूर हसन शाह ने बताया कि उनके बड़े भाई, सय्यद मंसूर हसन शाह, दरगाह के सज्जादानशीन और वक्फ संख्या 189 के अध्यक्ष हैं। दरगाह और मस्जिद के प्रबंधन का जिम्मा ज्यादातर उनके ऊपर रहता है। तथा वर्ष 2010 में उनके बड़े भाई ने बिहार के रहने वाले कलामुद्दीन को मस्जिद का इमाम नियुक्त किया था।
हालांकि, कुछ समय बाद स्थानीय महिलाओं ने शिकायत की कि इमाम जादू-टोने जैसे कार्यों में लिप्त हैं। इन शिकायतों के आधार पर वर्ष 2016 में उन्हें इमाम के पद से हटा दिया गया लेकिन इमाम ने स्थानीय दबंगों और माफियाओं के संरक्षण में मस्जिद पर अवैध कब्जा कर लिया और जो भी नया इमाम नियुक्त होता है उसे मारपीट कर भगा देता है।
सैयद मसरूर हसन शाह ने बताया कि 24 नवंबर 2024 को उन्हें सूचना मिली कि इमाम कलामुद्दीन मस्जिद में सिफली अमल कर रहे हैं। मौके पर पहुंचने पर उन्होंने देखा कि बकरे की बलि दी जा रही है और लाल कपड़े में लिपटी हांडी जमीन में दफनाई जा रही है। जब उन्होंने इसका विरोध किया और वीडियो बनाना चाहा, तो इमाम और उसके समर्थकों ने उन पर जानलेवा हमला कर दिया। लाठी-डंडों से उनकी पिटाई की गई और उनकी जान लेने की कोशिश की गई। हमलावरों ने हवा में फायरिंग भी की, जिससे उनके परिवार में भय व्याप्त है। उन्होंने प्रशासन से तत्काल कार्रवाई कर न्याय दिलाने और सुरक्षा सुनिश्चित करने की मांग की। उन्होंने बताया कि इसकी सूचना पुलिस को दी गई है।
प्रेसवार्ता के दौरान पीड़ित ने मीडिया को घटना के सभी तथ्यों से अवगत कराया और आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की।