उत्तर प्रदेशगोण्डा

बगैर हेलमेट फर्राटा भरते इंस्पेक्टर और क्राइम इंस्पेक्टर की तस्वीर वायरल

गोंडा में कानून तोड़ते कानून के रखवाले, आला अधिकारी मौन।

अनिल कुमार द्विवेदी
बी न्यूज दैनिक

गोंडा। जिले में गोंडा पुलिस की बड़ी लापरवाही लगातार सामने आ रही है। यहाँ आम जनता को यातायात नियमों का पाठ पढ़ाने वाले कानून के रखवाले ही खुद कानून और ट्रैफिक नियमों की धज्जियाँ उड़ाते नजर आ रहे हैं। इसी क्रम में ताजा मामला कर्नलगंज क्षेत्र का है,जहाँ कर्नलगंज कोतवाली में तैनात इंस्पेक्टर श्रीधर पाठक और क्राइम इंस्पेक्टर अरविंद कुमार की एक तस्वीर सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रही है, जिसमें वे बिना हेलमेट बुलेट पर फर्राटा भरते देखे गए। यह तस्वीर वायरल होने के बाद पुलिस विभाग की कार्यशैली और अनुशासन पर गंभीर सवाल खड़े हो रहे हैं। जहां आम नागरिकों से बिना हेलमेट पकड़े जाने पर 1000 का चालान वसूला जाता है, वहीं खाकी वर्दीधारी खुद बेखौफ होकर नियमों को तोड़ रहे हैं।

दोहरे मापदंड: आम जनता के लिए कड़े नियम, पुलिस के लिए छूट?

आपको बता दें कि यह पहली बार नहीं है जब पुलिसकर्मियों द्वारा खुद कानून का उल्लंघन करने की घटना सामने आई हो। अक्सर देखा जाता है कि चौक-चौराहों पर वाहन चेकिंग के दौरान पुलिस अधिकारी आम नागरिकों से सख्ती से नियमों का पालन कराते हैं, लेकिन जब बात खुद पर आती है, तो वे नियमों की धज्जियाँ उड़ाने से भी पीछे नहीं हटते। आम जनता से बिना हेलमेट होने पर जुर्माना वसूला जाता है, लेकिन जब खुद पुलिसकर्मी बगैर हेलमेट बेखौफ होकर वाहन चलाते हैं, तो क्या उनके लिए कोई कानून नहीं है,क्या ट्रैफिक पुलिस और कोतवाली के जिम्मेदार अधिकारी इन्हें नहीं रोक सकते?

पुलिस की छवि पर लग रहा दाग, अधिकारियों की साख पर सवाल

पुलिस विभाग के आला अधिकारी आम जनता को कानून का पालन कराने के लिए रोजाना निर्देश जारी करते हैं, लेकिन जब उनके ही अधीनस्थ कर्मचारी कानून तोड़ते हैं, तो वे चुप क्यों रहते हैं?

ऐसे मामलों से पुलिस की छवि धूमिल होती है और आम जनता में यह संदेश जाता है कि कानून केवल आम नागरिकों के लिए है, पुलिस के लिए नहीं। अब देखना यह है कि गोंडा जिले के पुलिस अधीक्षक इसे कब संज्ञान लेंगे? क्या इन लापरवाह पुलिसकर्मियों पर कोई कार्रवाई होगी या यह मामला भी दबा दिया जाएगा? यही नहीं इसी तरह के कई गंभीर सवाल उठ रहे हैं,जैसे क्या पुलिसकर्मियों के लिए यातायात नियमों का कोई मतलब नहीं, क्या बिना हेलमेट चलने पर उनका भी चालान होगा, अगर किसी हादसे में इनकी जान जाती है, तो इसकी जिम्मेदारी कौन लेगा, क्या पुलिस प्रशासन के नियम केवल आम जनता के लिए हैं, कोतवाली के जिम्मेदार अधिकारियों की लापरवाही पर शासन और उच्चाधिकारियों की चुप्पी क्यों? अब देखना यह होगा कि इस वायरल तस्वीर के बाद पुलिस विभाग क्या कार्रवाई करता है? या फिर यह मामला भी अन्य मामलों की तरह ठंडे बस्ते में डाल दिया जाएगा। ऐसे में जब रक्षक ही भक्षक बन जाएं, तो जनता किससे न्याय की उम्मीद करे?

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button