देशविचार

सद्भाव के रंगों को बदरंग करती घृणा और वैमनस्यता की राजनीति

(मनोज कुमार अग्रवाल-विभूति फीचर्स)
प्रेम, सद्भाव, समरसता के प्रतीक रंगों का पर्व क्यों बन जाता है कलह वैमनस्यता खून खराबे का दिन? आप जानते हैं कि इस बार होली और रमजान का जुमा एक दिन होने की वजह से पूरे देश में होली पर हाई अलर्ट किया गया था। पुलिस व सुरक्षा बलों की चौकसी और नागरिकों के संयम की वजह से देश में कोई बड़ी घटना नहीं हुई। फिर भी कम से कम चार राज्यों में होली पर हिंसा और झड़प की वारदातों को अंजाम दिया गया है। इनमें से पश्चिम बंगाल की बीरभूम की घटना को काफी गंभीर माना जा रहा है। वहां तनाव को काबू करने के लिए इंटरनेट तक बंद करना पड़ा है। भाजपा ने हिंसा के बाद राज्य सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि हिंदू त्योहारों पर ही ऐसी हिंसा क्यों होती है?

भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष और केंद्रीय मंत्री सुकांत मजूमदार ने हिंसा के बाद राज्य सरकार पर हमला करते हुए कहा कि राज्य की पुलिस और प्रशासन पूरी तरह से निष्क्रिय हो गए हैं। भाजपा विधायक अग्निमित्रा पॉल ने भी ममता बनर्जी सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने सवाल उठाया है कि हिंदू त्योहारों के दौरान हिंसा क्यों होती है? उन्होंने बंगाल की सीएम ममता बनर्जी और उनकी सरकार पर तुष्टीकरण की राजनीति करने और निष्क्रियता के आरोप लगाए।

पश्चिम बंगाल के अलावा तीन और राज्यों में होली पर हिंसा हुई। बिहार के मुंगेर में ग्रामीणों के हमले में एक असिस्टेंट सब इंस्पेक्टर की मौत हो गई। पटना में दो गुटों में होलिका दहन का विवाद होली के दिन पथराव तक पहुंच गया। पुलिस की गाड़ी के शीशे तोड़ दिए गए। झारखंड के गिरिडीह में होली के दिन दो गुटों में पथराव के बाद उपद्रवियों ने दुकानों और बाइक में आग लगा दी। इसके अलावा पंजाब के लुधियाना में दो समुदायों के बीच ईंट, पत्थर और बोतलें चलीं। झड़प में 11 लोग घायल हुए हैं। मुसलमानों कहना है कि नमाज के वक्त पथराव किया गया। वहीं हिंदुओं का कहना है कि पहले मस्जिद की तरफ से ईंट फेंकी गई। कई वाहनों में भी तोड़फोड़ हुई है।

बेंगलुरु में नशे में धुत कुछ लोगों के बीच हुए झगड़े में तीन लोगों की मौत की खबर है। पुलिस की शुरुआती जांच में पता चला है कि मामला होली के दिन का है। जब एक निर्माणधीन इमारत में होली पार्टी करने के दौरान बिहार से आए छह मजदूरों के बीच मारपीट हो गई। मजदूरों के बीच पहले बहस शुरू हुई थी जो देखते ही देखते हिंसक हो गई। जांच में पता चला विवाद की शुरुआत किसी महिला को लेकर की गई टिप्पणी से हुई थी। मजदूरों के बीच आपसी झड़प के दौरान लोगों ने एक दूसरे पर लाठी और छड़ से हमला कर दिया। घटना में तीन लोगों को गंभीर रूप से चोटें आई। जिस वजह से उनकी मौत हो गई। घटना के बाद आरोपी मौके से फरार हो गए। पुलिस को घटना की सूचना मिली तो मौके से पुलिस ने तीन लोगों के शवों को बरामद किया।

पुलिस टीम को पहला शव अपार्टमेंट के रास्ते में मिला, जबकि दूसरा कमरे के अंदर और तीसरा अपार्टमेंट से बाहर मिला। पुलिस ने दो मृतकों की पहचान 22 वर्षीय अनसू और 23 वर्षीय राधे श्याम के रूप में की है जबकि तीसरे मृतक की पहचान नहीं हो पाई है।

पश्चिम बंगाल के बीरभूम में दो समूहों के बीच हिंसक झड़प के बाद राज्य सरकार ने इलाक़े में इंटरनेट सेवाओंं को सस्पेंड कर दिया। क़ानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए भारी संख्या में सुरक्षाबलों को तैनात भी किया गया है। पुलिस का कहना है कि घटना के बाद 20 से ज़्यादा लोगों को हिरासत में लिया गया है। इस हिंसा की शुरुआत 14 मार्च, यानी होली के दिन हुई। इंडिया टुडे के इनपुट के मुताबिक़, सैंथिया कस्बे में एक ग्रुप और नशे में धुत कुछ लोगों के बीच कहासुनी हो गई। स्थिति तब और बिगड़ गई, जब दोनों ग्रुट एक-दूसरे पर पत्थर फेंकने लगे और हाथापाई हो गई. हालात को संभालने के लिए पुलिस की तरफ़ से हल्का लाठीचार्ज भी किया गया। विवाद में कुछ स्थानीय लोगों के घायल होने की खबर है।

हिंसक वारदात के बाद पश्चिम बंगाल के गृह विभाग ने इंटरनेट सस्पेंड करने का आदेश जारी किया। पुलिस का कहना है कि स्थिति पर काबू पा लिया गया है।

झारखंड के गिरिडीह जिले में स्थित घोड़थंबा में होली के दिन जुलूस के दौरान हिंदुओं पर हमला हुआ। ये हमला मस्जिद वाली गली में हुआ। इस हिंसा के दौरान एक खास समुदाय के घरों से पत्थर चले। मस्जिद वाली गली में हिंदुओं के जुलूस को निशाना बनाया गया , फिर पीछे की गली में मंदिर पर हमले-पथराव और पुलिस की गाड़ियों को निशाना बनाया गया । इन सभी का सिलसिलेवार तरीके से एफआईआर की कॉपी में भी जिक्र है।

आरोप है कि इसके बावजूद कथित राजनीतिक तुष्टिकरण की राजनीति के चलते आरोपित नंबर 1 से 11 तक हिंदुओं के नाम है। झारखंड के नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी ने इस पर घोर आपत्ति व्यक्त की है। इस कार्रवाई पर सवाल उठाते हुए उन्होंने प्रशासन पर हिंदुओं को निशाना बनाने का आरोप लगाया है।

एफआईआर के अनुसार, 14 मार्च 2025 की शाम 15-20 लोगों की होली की टोली मस्जिद गली से गुजरना चाहती थी, लेकिन नमाज का समय होने की वजह से उन्हें रोका गया। टोली का कहना था कि वे हर साल इसी रास्ते से जाते हैं। समझाने के बावजूद टोली गली में आगे बढ़ गई। इसके बाद इसी गली में इस टोली पर पेट्रोल बम, बोतल, ईंट और पत्थरों से हमला कर दिया गया। बाजार चौक के पास पेट्रोल बम फेंककर कई दुकानों, बाइकों और गाड़ियों में आग लगा दी गई।

एफआईआर में इस बात का साफ-साफ जिक्र है कि समुदाय विशेष ने मंदिर पर हमला किया। पत्थर फेंके और पुलिस पहुँची तो उसकी गाड़ियों को आग के हवाले कर दिया गया। इस हिंसा में चार पुलिसकर्मी घायल हुए। प्राथमिकी धनवार के बीपीओ सह दंडाधिकारी सुरेंद्र कुमार वर्णवाल ने दर्ज की है।

दिल्ली के द्वारका में भी होली का जश्न हिंसा में बदल गया। गोयला डेरी स्थित छठ घाट पार्क में होली का जश्न मनाया जा रहा था। इस दौरान हुआ छोटा सा विवाद हाथापाई में बदल गया। दिल्ली पुलिस के मुताबिक, राजू कुमार (35) अपने दोस्त राजेश से मिलने के लिए टैक्सी से पार्क गया था। उत्सव के दौरान, होली का कुछ रंग गलती से एक लड़के पर गिर गया, जिससे दोनों में तीखी बहस हो गई। कुछ देर बाद उस लड़के ने अपने दोस्तों के साथ मिलकर राजू कुमार और राजेश पर हमला कर दिया। मारपीट में हमलावरों ने राजू कुमार की टैक्सी में भी तोड़फोड़ की और उसके शीशे तोड़ दिए।

पंजाब के लुधियाना में दो समुदायों के बीच ईंट-पत्थर और बोतलें चलीं। झड़प में 11 लोग घायल हुए हैं। कुछ लोगों का कहना है कि नमाज के वक्त पथराव किया गया। वहीं दूसरे पक्ष का कहना है कि पहले मस्जिद की तरफ ईंट फेंकी गई। कई वाहनों में भी तोड़फोड़ हुई है।

पश्चिम बंगाल में भाजपा ने नंदीग्राम में मूर्ति तोड़ने का आरोप लगाया है। भाजपा आइटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने भी तस्वीरें पोस्ट की हैं। मालवीय ने आरोप लगाया कि बरुईपुर, जादवपुर और मुर्शिदाबाद समेत पूरे प्रदेश में इसी तरह की घटनाएं सामने आई हैं।
पटना के एनटीपीसी थाना क्षेत्र के सहनौरा गांव में होलिका दहन को लेकर दो पक्षों में झड़प हो गई। एक पक्ष के ग्रामीण ने सड़क पर होलिका दहन किया, जिसका दूसरे पक्ष ने विरोध किया।रात से ही दोनों पक्षों में तनाव की स्थिति बनी हुई थी। धुलेंडी की दोपहर करीब 1 बजे स्थिति बिगड़ गई और दोनों पक्षों में जमकर पत्थरबाजी हुई। मौके पर पहुंची पुलिस टीम को भी आक्रोशित लोगों ने खदेड़ दिया। पुलिस की गाड़ी पर भी पत्थर फेंके गए।

देश भर में होली पर्व के दौरान व्यापक एहतियात के बावजूद कई स्थानों पर सांप्रदायिक झगड़े, छिटपुट हिंसा के बीच एक सहायक उपनिरीक्षक की हत्या समुदायों के बीच पनपी घृणा विद्वेष को बयान करती है। जरूरत इस बात की है कि रंगों की होली को खून की होली मे तब्दील करने वाले दंगाइयों और असामाजिक तत्वों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्यवाही की जानी चाहिए ताकि भविष्य में ऐसी वारदातों की पुनरावृत्ति न हो और सद्भाव के रंगों को बदरंग होने से बचाया जा सके। (विभूति फीचर्स)

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