दर्जनों नृत्य, नाटक की प्रस्तुतियों से हुआ प्रबुद्ध बाल रंग महोत्सव- 2025 का समापन
अनु. जाति, जनजाति की उपजातियो के मध्य रोटी बेटी के सम्बन्ध को मजबूत करती दिखी नाटक बेटी की बेटी
प्रयागराज २७ जनवरी
बीके यादव/ बालजी दैनिक
प्रबुद्ध फाउंडेशन, देवपती मेमोरियल ट्रस्ट, डा. अम्बेडकर वेलफेयर एसोसिएशन (दावा) और बाबासाहेब शादी डाट काम के संयुक्त तत्वाधान में सात से सत्रह आयु वर्ग के बच्चों के सृजनात्मक, कलात्मक और व्यक्तित्व विकास के लिये एक छब्बीस दिवसीय प्रस्तुतिपरक तृतीय शीतकालीन प्रबुद्ध बाल रंग कार्यशाला का आयोजन पहली जनवरी से विकास खण्ड जसरा स्थित ग्रामसभा जसरा में संचालित की गई। कार्यशाला से तैयार दर्जनों नृत्य, नाटक व गायन की प्रस्तुतियां जारी बाजार स्थित चंद्रमुखी वाटिका के मंच प्रबुद्ध बाल रंग महोत्सव 2025 का आयोजन कर कार्यशाला का समापन किया गया।
रंग महोत्सव में कार्यशाला के समापन पर सर्वप्रथम बच्चों ने कबीरा कहे ये जग अंधा, बुद्धं शरणं गच्छामि, भगवान बुद्ध की ज्योति अमर, तेरी आरती उतारू रे, काल चक्र के आगे आगे, मुझे दुश्मन के बच्चों को पढ़ना है। भीम आयेंगे, सावित्री बाई फुले की अमर कहानी, आदिवासी जंगल रखवाला रे , शुभ दिन आया विजया दशमी जैसी दर्जन से अधिक नृत्य नाटिकाओं की प्रस्तुतियां देकर बच्चों ने दर्शकों को भाव विभोर कर दिया तो वहीं दूसरी ओर नाटक पाखंड, बेटी और अंगुलिमाल जैसे आधा दर्जन से अधिक लघु नाटकों की प्रस्तुतियों से बहुजन समाज को एक बार पुनः बहुजन साहित्य, कला और संस्कृति के साथ-साथ बहुजन रंगमंच को पुनर्स्थापित करने के साथ अपनी खोई हुई बहुजन संस्कृति के संरक्षण, संवर्धन और उसके विकास के साथ-साथ बहुजन समाज की विलुप्त हुई विरासत को प्राप्त कर हुक्मरान व शासक कौम बनाने की बात करती दिखी।
कार्यशाला का निर्देशन प्रबुद्ध फाउंडेशन के प्रबंधक/सचिव रंगकर्मी आईपी रामबृज द्वारा किया गया। नृत्य व नाटक की प्रस्तुतियों में रिया, सीतू, काजल, सोनम, शिवानी, आराध्या, मोनिका, साक्षी, गुड़िया, अंशिका सोनकर, मानसी सोनकर, अंजलि सोनकर, प्रियंका गौतम, राजू राव, अंकित, रतन, करन, हर्ष , शुभम, आजाद, नितलेश, आशीष, शिवम आदि बच्चों ने अपने अभिनय के साथ न्याय किया।