उत्तर प्रदेशप्रयागराज

स्वदेशी स्वावलंबन का महामंत्र है प्रयागराज 12 दिसंबर

बीके यादव /बालजी दैनिक

स्वदेशी जागरण मंच जनपद प्रयागराज के कार्यकर्ताओं के द्वारा राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के कार्यालय जॉर्ज टाउन में स्वदेशी आंदोलन के प्रथम हुतात्मा बाबू गेनू सैद का बलिदान दिवस भावपूर्ण तरीके से मनाया गया। कार्यक्रम में जनपद के विभिन्न क्षेत्रों के कार्यकर्ता उपस्थित थे। कार्यक्रम में सर्वप्रथम बाबू गैनू सैद के तैल चित्र पर कार्यकर्ताओं ने माल्यार्पण कर अपनी भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए स्वदेशी जागरण मंच अखिल भारतीय अधिकारी के रूप में राष्ट्रीय प्रचार टोली के सदस्य डॉ विजय कुमार सिंह ने बाबू गेनू सैद को स्वतंत्रता संग्राम का अपराजेय योद्धा बताया । बाबू गैनू सैद विदेशी वस्तु का बहिष्कार करते हुए मात्र 22 वर्ष की उम्र में अपने प्राणों की आहुति दे दी थी। बाबू गेनू का जन्म एक साधारण परिवार में हुआ था परंतु आर्थिकता से विपरीत राष्ट्रीयता का भाव बाबू गेनू को महानता के पराकाष्ठा पर पहुंचा दिया था। बाबू जीनू ने साधारण घर में जन्म लेकर असाधारण कार्य किया था। आज के युग में भी बाबू गेनू की अत्यधिक प्रासंगिकता है। भारत को आर्थिक रूप से संपन्न तभी बनाया जा सकता है जब स्वदेशी का हम वर्णन करेंगे। स्वदेशी स्वावलंबन का महामंत्र है।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए स्वावलंबी भारत अभियान काशी प्रांत एक के समन्वयक डॉ अखिलेश त्रिपाठी ने कहा कि जीवन और कर्म एक दूसरे के पर्याय हैं। यदि जीवन से कर्म को हटा दिया जाए तो वह सब कुछ हो सकता है परंतु वह जीवन नहीं हो सकता है। कर्म अल्पकाल में ही जीवन को अमरत्व प्रदान कर देता है। कर्म की प्रखरता अल्पकाल में ही कल के वक्त पर अपना अमित छाप छोड़ देता है। ध्रुव कितने वर्ष तक जीवित रहे इतिहास इस बात को याद नहीं रखता है। इतिहास कर्म के उज्जवल पक्ष को ही स्मरण रखता है। बाबू गेनू का संपूर्ण जीवन कर्ममगत जीवन की शाश्वत अभिव्यक्ति है जो राष्ट्रीयता से ओत-प्रोत है।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए स्वावलंबी भारत अभियान काशी प्रांत के सह समन्वयक डा अरुण कुमार त्रिपाठी ने कहा कि स्वदेशी भारतीयता का प्राण तत्व है। स्वदेशी भारतीयता की आत्मा है। स्वदेशी का चित्त और चिंतन मन में लेकर एक मजदूर जिसे जीवन यापन करने के लिए भी संघर्ष करना पड़ रहा था । अपनी आत्म जागृति से अपने प्राणों का उत्सर्ग राष्ट्र की बाल वेदी पर कर देता है। बाबू गेनू सैद का सम्पूर्ण जीवन स्वदेशी का जीवन था ।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए जिला संयोजक डॉक्टर अश्वनी कुमार द्विवेदी ने कहा कि गेनू बाबू का जीवन आज भी भारतीयों के लिए प्रेरणा का विषय है। भारत में आज भी स्वदेशी की, आत्मनिर्भरता के लिए आवश्यकता है और हमें बाबू गेनू के दिखाये मार्ग का अनुसरण करना चाहिए। कार्यक्रम का संचालन सह संयोजक स्वदेशी जागरण मंच भूपेंद्र सिंह जी ने किया। कार्यक्रम में औपचारिक धन्यवाद ज्ञापन जिला विचार वर्ग प्रमुख अजीत तिवारी जी ने किया। कार्यक्रम में महानगर संयोजक चंदन जी ,प्रखर जी ,मृत्युंजय जी आदि कार्यकर्ता बहुत संख्या में उपस्थित थे। कार्यक्रम में विषय का प्रवर्तन विभाग सह संयोजक डॉक्टर हर्षमण जी ने किया। कार्यक्रम में सह जिला संयोजक धीरज तिवारी तथा सह विचार वर्ग प्रमुख नीरज तिवारी जी की विशेष उपस्थिति थी।

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