प्रयागराज के महाकुंभ में जान गंवाने वाली पुण्य आत्माओं को जलांजलि एवं तिलांजलि देकर उनकी शांति के लिए करी प्रार्थना
![](https://i0.wp.com/www.baljinews.com/wp-content/uploads/2025/02/d4e5011e-848a-48ae-86b5-31893d53fdf1.jpg?resize=780%2C470&ssl=1)
बीके यादव/बालजी दैनिक
अखिल भारत वर्षीय धर्म संघ स्वामी करपात्री फाउंडेशन एवं वैदिक कायाकल्प संस्थान के संयुक्त तत्वावधान में धर्मगुरु अनंत विभूषित श्री ब्रह्मानंद सरस्वती जी महाराज एवं पीठाधीश्वर श्री विद्या साधक डॉक्टर गुण प्रकाश चैतन्य जी महाराज की अध्यक्षता में ऋषि भारद्वाज की तपोभूमि तीर्थराज प्रयागराज की पावन धरा पर कोटेश्वर महादेव के सानिध्य एवं मार्गदर्शन में 451 वैदिक विद्वानों के द्वारा विश्व कल्याणार्थ हेतु इस महाकुंभ में श्री गायत्री महायज्ञ की 3 करोड़ आहुति दी जा रही है। वैदिक कायाकल्प संस्थान के सचिव सुमित गुप्ता ने बताया कि प्रयागराज में हो रहे पूर्ण महाकुंभ के अवसर पर मौनी अमावस्या के दिन ज्ञात अज्ञात जनहानि से जान गंवाने वाले देशवासियों को विशेष मंत्रोचार के द्वारा जनसमुदाय के साथ जलांजलि एवं तिलांजलि देकर उनकी आत्म शांति एवं मुक्ति के लिए प्रार्थना करेंगे।
स्वामी करपात्री जी महाराज की पुण्यतिथि पर दी जलांजलि…
मौनी अमावस्या के दिन घटित दुखद घटना पर राजनीतिक करने वालों का धर्मगुरु अनंत श्री विभूषित श्री ब्रह्मानंद सरस्वती द्वारा के द्वारा पुर जोर विरोध किया गया तथा पूरे भारत वर्ष के लोगों से आह्वान किया गया कि आप पुण्य आत्माओं की शांति के लिए जलांजलि एवं तिलांजलि देकर उनकी मुक्ति के लिए प्रार्थना करें। इसी संदर्भ में धर्म सम्राट स्वामी करपात्री जी महाराज की पुण्यतिथि पर धर्म संघ के समस्त परिकर के साथ जलांजलि एवं तिलांजलि दी गई। समस्त सनातनियों को धर्म पर राजनीति बंद करने के आवाहन के साथ संदेश दिया कि सभी सनातनी धर्म की एकता और अखंडता के लिए धर्म सम्राट के द्वारा दिखाए गए अखंड भारत के लक्ष्य को प्राप्त करने का संकल्प लिया।
2026 में अंतरराष्ट्रीय लक्ष चंडी यज्ञ करने का लिया संकल्प…
धर्मगुरु अनंत श्री ब्रह्मानंद सरस्वती जी महाराज के द्वारा अपने समस्त पर्रिकर के साथ भारत को धर्मगुरु बनाने तथा बढ़ते हुए जलवायु प्रदूषण एवं वैश्विक अशांति को दूर करने के लिए वर्ष 2026 में अंतरराष्ट्रीय लक्ष चंडी यज्ञ करने का संकल्प लिया गया। लक्षचंडी यज्ञ एक प्राचीन हवन प्रक्रिया है जो सनातन धर्म में महत्वपूर्ण मानी जाती है। यह यज्ञ लक्ष्मी माता की कृपा प्राप्ति, धन, समृद्धि, और सम्पत्ति के लिए किया जाता है। इसका मुख्य उद्देश्य देश से बेरोजगारी खत्म कर धन की वृद्धि, व्यापार में सफलता, कोरोना जैसी वैश्विक महामारी से मुक्ति एवं वैश्विक आतंकवाद का खत्म करने के साथ देश में मानवता प्रसन्नता का संदेश देती है।
सृष्टि कल्याण के लिए जल संरक्षण की आवश्यकता…
पीठाधीश्वर डॉक्टर गुण प्रकाश चैतन्य जी महाराज ने बताया कि सृष्टि के कल्याण के लिए जल का संरक्षण अत्यंत आवश्यक है। इसलिए उन्होंने उद्घोष किया कि जल बचाओ, सृष्टि बचाओं, इसी संकल्प की प्राप्ति के लिए वर्ष 2035 तक धर्म संघ से जुड़े प्रत्येक व्यक्ति से एक लाख पच्चीस हजार लीटर पानी बचाने के लिए संकल्प यात्रा संपूर्ण भारत वर्ष में निकली जाएगी। पानी का कुशलतापूर्वक इस्तेमाल कर पानी की बर्बादी को रोकने के लिए जल संरक्षण ज़रूरी है क्योंकि मीठा पानी एक सीमित मात्रा है और महंगा भी है। जल संरक्षण से पर्यावरण और हमारी जेब दोनों को फ़ायदा होता है।