प्रस्तुतिपरक शीतकालीन प्रबुद्ध बाल रंग कार्यशाला का समापन 26 जनवरी को
प्रयागराज २१ जनवरी
बीके यादव/ बालजी दैनिक
प्रबुद्ध फाउंडेशन, देवपती मेमोरियल ट्रस्ट, डा. अम्बेडकर वेलफेयर एसोसिएशन (दावा) और बाबासाहेब शादी डाट काम के संयुक्त तत्वाधान में यमुनापार की तहसील बारा, विकास खण्ड जसरा स्थित ग्रामसभा जसरा में सात से सत्रह आयु वर्ग के बच्चों के सृजनात्मक, कलात्मक और व्यक्तित्व विकास के लिये एक छब्बीस दिवसीय प्रस्तुतिपरक त्रितीय शीतकालीन प्रबुद्ध बाल रंग कार्यशाला का संचालन विगत पहली जनवरी से संचालित है जिसका समापन दर्जनों नृत्य, नाटक व गायन की प्रस्तुतियों के साथ आगामी दिनांक 26 जनवरी को दोपहर 12 बजे से जारी बाजार स्थित किसान इण्टर कालेज के निकट चन्द्रमुखी वाटिका में किया जाएगा। एक ओर जहां कार्यशाला के समापन पर सर्वप्रथम बच्चे कबीरा कहे ये जग अंधा, बुद्धं शरणं गच्छामि, भगवान बुद्ध की ज्योति अमर, तेरी आरती उतारू रे, काल चक्र के आगे आगे धम्म चक्र बढ़ता रहेगा, मुझे दुश्मन के बच्चों को पढ़ना है, बेटियों को बचा लो, साथी हाथ बढ़ाना जैसी आधा दर्जन से अधिक नृत्य नाटिकाओं व गीतों की प्रस्तुतियां करेंगे तो वहीं दूसरी ओर जीवन के रंग, बेटी, अंगुलिमाल, पाखण्ड, परिवर्तन का महानायक जैसी आधा दर्जन से अधिक लघु नाटकों की प्रस्तुतिया की जाएंगी।
पूछे जाने पर कार्यशाला के संयोजक रंगकर्मी, रंगनिर्देशक उच्च न्यायालय के अधिवक्ता आईपी रामबृज ने बताया कि बहुजन साहित्य, कला और संस्कृति के साथ-साथ बहुजन रंगमंच को पुनस्थापित करने के साथ अपनी खोई हुई बहुजन संस्कृति के संरक्षण, संवर्धन और उसके विकास के साथ-साथ बहुजन समाज को पुनः अपनी खोई हुई विरासत को प्राप्त कर हुक्मरान व शासक कौम बनाने की बात करते नाट्य प्रस्तुतियां दिखेगी।