3000 अध्यापकों की बैचवाइज भर्ती की, तीन हजार की प्रक्रिया जारीः मुख्यमंत्री
शिमला: मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने आज सिरमौर जिले के पच्छाद विधानसभा क्षेत्र के तहत भूरेश्वर महादेव मंदिर में शीश नवाया और मेले का शुभारंभ किया. उन्होंने मंदिर परिसर में भगवान शिव की नई प्रतिमा का अनावरण किया और वन वाटिका भूरेश्वर के साथ क्वागधार हेलीपैड का भी लोकार्पण किया.
इस अवसर पर एक जनसभा को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने व्यवस्था परिवर्तन से हिमाचल प्रदेश को आत्मनिर्भर बनाने का संकल्प लिया है और अनेक सुधारों के परिणामस्वरूप प्रदेश की अर्थव्यवस्था सही दिशा में आगे बढ़ रही है. हिमाचल प्रदेश को राज्य सरकार वर्ष 2027 तक आत्मनिर्भर और वर्ष 2032 तक सबसे समृद्ध राज्य बनाने के लिए प्रयासरत है. ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ करने के लिए कई सार्थक कदम उठाए जा रहे हैं. प्राकृतिक खेती से उगाई गई गेहूं और मक्की को क्रमशः 40 और 30 रुपये प्रति किलो के दाम पर खरीदा जा रहा है.
सीएम सुक्खू ने कहा कि, ‘गाय के दूध का न्यूनतम समर्थन मूल्य 32 से बढ़ाकर 45 रुपये प्रति लीटर और भैंस के दूध का 47 से 55 रुपये प्रति लीटर किया गया है. मनरेगा की दिहाड़ी को बढ़कार 300 रुपये किया गया है. वहीं, उन्होंने कहा कि ल्वासा चौकी से चण्ड़ीगढ़ सड़क को चौड़ा करने के निर्देश दिए गए हैं. भूरेश्वर महादेव क्षेत्र को इको टूरिज्म की दृष्टि से विकसित किया जाएगा, जिससे क्षेत्र की आर्थिकी मजबूत होगी तथा क्षेत्र के लोगों को रोजगार एवं स्वरोजगार के अवसर मिलेंगे.’
सीएम सुक्खू ने कहा कि, ‘राज्य सरकार शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में बड़े बदलाव ला रही है, जिसके सकारात्मक परिवर्तन सामने आ रहे हैं. वर्तमान राज्य सरकार ने छह हजार से अधिक अध्यापकों के पद स्वीकृत किए हैं. तीन हजार अध्यापकों को बैचवाइज नियुक्ति प्रदान कर दी गई है और 3000 पदों की भर्ती प्रक्रिया जारी है. वर्तमान सरकार नए संस्थान खोलने की बजाए पहले से खोले गए संस्थानों में अधोसंरचना और स्टाफ प्रदान करने को प्राथमिकता दी रही है, ताकि बच्चों को सरकारी स्कूलों में बेहतर एवं गुणात्मक शिक्षा प्रदान की जा सके.’
मुख्यमंत्री ने कहा कि, ‘पिछली भाजपा सरकार ने चुनावी लाभ के दृष्टिगत बिना किसी बजट प्रावधान के नए स्कूलों की अधिसूचनाएं जारी की थी, जिनमें सुविधाओं के नाम कुछ भी नहीं किया गया. पूर्व सरकार की नीतियों के कारण हिमाचल प्रदेश गुणात्मक शिक्षा के मामले में देश भर में 21वें स्थान पर पहुंच गया.वर्तमान राज्य सरकार हर क्षेत्र में सुधारात्मक कदम उठा रही है और इसमें आ रही बाधाओं को जन सहयोग से पार किया जा रहा है.’