उत्तर प्रदेशबरेली

पांच हजार यात्रियों के अकाउंट में रेलवे को डालने पड़े बीस लाख रुपये

बरेली । ठंड और कोहरे के वजह से दिसंबर में सौ से ज्यादा ट्रेनें निरस्त रहीं। इस कारण रेलवे को यात्रियों को पैसा वापस करना पड़ा है। इज्जतनगर और जंक्शन से लगभग पांच हजार यात्रियों के टिकट रद कराए गए। रेलवे को करीब 20 लाख रुपये वापस करने पड़े। इसमें ऑनलाइन टिकट निरस्त कराने का आंकड़ा शामिल नहीं है। सबसे ज्यादा नुकसान उन यात्रियों को हुआ, जिनका टिकट कन्फर्म था। उन्हें टिकट निरस्त कराने पर सिर्फ 50 फीसदी ही रकम वापस मिली।

निरस्त की गईं इन ट्रेनों में दो माह पहले ही तमाम लोगों ने आरक्षण करा रखे थे। अचानक ट्रेनें निरस्त होने से उन्हें टिकट के पूरे पैसे मिले। रेलवे के नियम के अनुसार रेलवे यदि अपनी तरफ से ट्रेन के रद होने की घोषणा करता है या ट्रेन तीन घंटे से ज्यादा लेट चल रही है तो टिकट रद करने पर यात्री के धन से कोई कटौती नहीं होती है। लेकिन यदि ट्रेन 2.50 मिनट लेट है और यात्री अपना टिकट रद कराता है तो रेलवे टिकट का 50 फीसदी राशि काट लेता है।

जो यात्री सफर से पूर्व ही अपना कन्फर्म टिकट रद कराते हैं, उनसे रेलवे को आय होती है। क्योंकि कन्फर्म एसी टिकट पर 180 रुपये प्रति यात्री, स्लीपर पर 120 रुपये प्रति यात्री और सेकेंड क्लास का टिकट रद कराने पर 60 रुपये प्रति यात्री कटते हैं। कई बार लोग सफर का कार्यक्रम बनाते हैं और टिकट लेते हैं। कोई समस्या आने पर अचानक यात्रा रद कर देते हैं। ऐसे में कन्फर्म टिकट निरस्त कराने पर यात्री को नुकसान होता है।

सूत्रों के अनुसार दिसंबर में इज्जतनगर मंडल मुख्यालय के बुकिंग काउंटर से लगभग 2450 लोगों ने टिकट निरस्त कराए। इसी तरह उत्तर रेलवे के जंक्शन काउंटर से करीब 2700 यात्रियों ने टिकट निरस्त कराए। रेलवे को करीब 20 लाख रुपये इन यात्रियों को वापस करने पड़े। यह आंकड़ा और भी ज्यादा हो सकता है, क्योंकि ऑनलाइन टिकट कराने और निरस्त कराने का आंकड़ा स्थानीय स्तर पर उपलब्ध नहीं है।

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