राष्टीय स्वयं सेवक संघ अपने स्थापना के 100 वें वर्ष में प्रवेश कर रहा है, यह हमारे लिए स्वर्णिम अवसर है: क्षेत्र प्रचारक

भाजपा को छोड़कर संघ का 20 करोड़ परिवारों से प्रत्यक्ष जुड़ाव है। हमारा शताब्दी वर्ष में कोई बड़ा कार्यक्रम नहीं है। अनिल
1 – राष्ट्रीय स्वयंसेवक सेवक संघ की जिला कार्यकर्ता बैठक में विषय रखते आरएसएस पूर्वी उत्तर प्रदेश के क्षेत्र प्रचारक अनिल।
2 – जिले के शर्मा रेस्टोरेंट के सभागार में उपस्थित आरएसएस व अनुसांगिक संगठनों के कार्यकर्ता।
अनिल कुमार द्विवेदी
बी न्यूज दैनिक
गोंडा। राष्टीय स्वयं सेवक संघ के सताब्दी वर्ष में कोई बड़ा कार्यक्रम तय नहीं है। स्वयंसेवक मंडल (न्याय पंचायत) स्तर पर शाखाओं का विस्तार करें। शाखा में प्रतिदिन आने वाले स्वयं सेवकों की संख्या सौ तक बढ़ानी चाहिए। हम ग्राम स्तर पर भी जा सकते हैं। आज राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का 20 करोड़ से अधिक परिवारों तक प्रत्यक्ष रूप से संपर्क है। इसमें भाजपा के कार्यकर्ता शामिल नहीं हैं। उक्त विचार राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के पूर्वी उत्तर प्रदेश के क्षेत्र प्रचारक अनिल ने शर्मा होटल में आयोजित कार्यकर्ता बैठक में ब्यक्त किए। उन्होंने कहा कि आज हिंदू समाज को तोड़ने का षड्यंत्र चल रहा है। इसके लिए तरह तरह के कुचक्र रचे जा रहे हैं। हमें अपने कार्य विस्तार को बढ़ाना है। सामाजिक परिवर्तन के माध्यम से स्वयंसेवक साढ़े छह लाख गांवों में से तीन लाख से अधिक गांवों तक कार्य विस्तार कर चुके हैं। अकेले उत्तराखंड प्रदेश में 25 प्रतिशत से अधिक बच्चे विद्याभारती के स्कूलों में पढ़ रहे हैं। सताब्दी वर्ष में हम संघ के लिए क्या कर सकते हैं इस बारे में स्वयं सेवकों को सोचना है। सभी स्वयं सेवकों को पंच परिवर्तन सामाजिक समरसता, कुटुम्ब प्रबोधन, पर्यावरण, स्वालंबन तथा नागरिक कर्तव्य के साथ कार्य करने की आवश्यकता है। बैठक में राजकुमार, प्रशांत, धनश्याम, जितेन्द्र, बृजेश, देवी प्रसाद व नीरज ने भी अपने कार्यानुभवों को स्वयं सेवकों के साथ साझा किया। बैठक में श्रीमान सिंह, ओम प्रकाश, प्रवीण, अश्वनी, अनिल, सागर, अमर किशोर, अरुण शुक्ल, सूर्य नारायण तिवारी, केके श्रीवास्तव, राकेश वर्मा, बीरेंद्र, जानकी शरण द्विवेदी, अतुल, ओंकार पाठक, सुरेंद्र सिंह व ओम प्रकाश सोनी सहित अन्य कार्यकर्ता शामिल रहे।