उत्तर मध्य रेलवे मुख्यालय में क्षेत्रीय राजभाषा कार्यान्वयन समिति की बैठक आयोजित

उत्तर मध्य रेलवे मुख्यालय में महाप्रबंधक श्री उपेन्द्र चन्द्र जोशी की अध्यक्षता में क्षेत्रीय राजभाषा कार्यान्वयन समिति की बैठक आयोजित की गई। बैठक में शामिल अधिकारियों को संबोधित करते हुए महाप्रबंधक श्री उपेन्द्र चन्द्र जोशी ने कहा कि सरकारी कार्यों में राजभाषा हिंदी का प्रयोग करना हमारे प्रशासनिक दायित्व का अभिन्न अंग है। यह एक संवैधानिक और राष्ट्रीय कर्तव्य है। हमारे देश में अनेक भाषाएं एवं बोलियाँ हैं। हिंदी देश की संपर्क भाषा और राजभाषा है, जो विभिन्न प्रांतों, क्षेत्रों, संस्कृतियों और भाषाओं के बीच सेतु की भूमिका निभाती है, साथ ही रेलवे जैसी जन-परिवहन प्रणाली में यात्रियों और उपयोगकर्ताओं की संपर्क भाषा के रूप में भी इसे नया आयाम मिला है और इसका राष्ट्रीय स्वरूप समृद्ध हुआ है। उत्तर मध्य रेलवे इसका सबसे बड़ा उदाहरण है, जब हमारी रेलवे ने महाकुंभ के दौरान विभिन्न प्रांतीय भाषाओं में श्रद्धालुओं को सेवाएं और सुविधाएं उपलब्ध कराई और हमारे स्टेशनों और रेल परिसर में देश के भाषाई संगम और विविधता में एकता की संकल्पना का मूर्त रूप देखने को मिला। नई सुविधाओं और तकनीकों के द्वारा हिंदी सहित अन्य भारतीय भाषाओं में काम करना निरंतर आसान हुआ है। हिंदी और हिंदीतर भाषी दोनों क्षेत्रों में रेलों पर राजभाषा को काफी बढ़ावा मिला है तथा इस दिशा में बहुत अच्छी प्रगति हुई है। श्री जोशी ने इस बात पर विशेष बल देते हुए कहा कि राजभाषा कार्यान्वयन से संबंधित राजभाषा के विभिन्न प्रावधानों को लागू कराने के लिए राजभाषा अधिनियम की धारा 3(3) का शत-प्रतिशत अनुपालन एक अनिवार्य एवं सर्वोपरि दायित्व है और मूल पत्राचार, अंग्रेजी में प्राप्त पत्रों के उत्तर, डिक्टेशन, नोटिंग और निरीक्षण जैसे विषयों में लक्ष्य के अनुसार हिंदी का प्रयोग सुनिश्चित किया जाए। श्री जोशी ने रेलवे की वेबसाइट को पूरी तरह हिंदी- अंग्रेजी द्विभाषी में अद्यतन किए जाने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि हमारी रेलवे का कार्यक्षेत्र हिंदी भाषी क्षेत्रों में स्थित है, इसलिए आम यात्रियों और ग्राहकों से जुड़ी सूचनाओं, सुविधाओं और मदों में शत-प्रतिशत हिंदी या हिंदी-अंग्रेजी द्विभाषी रूप का प्रयोग किया जाए। श्री उपेन्द्र चन्द्र जोशी ने सभी विभागीय परिपत्र आदि का हिंदी-अंग्रेजी द्विभाषी में होना सुनिश्चित कराए जाने का निर्देश दिया। उन्होंने हाल ही में रेलवे बोर्ड में आयोजित कार्यक्रम में राजभाषा में उत्कृष्ट कार्य के लिए सर्वोत्तम कारखाना का शील्ड प्राप्त करने के लिए रेल स्प्रिंग कारखाना, सिथौली और रेलमंत्री राजभाषा रजत पदक से सम्मानित किए गए मुख्य परिवहन योजना प्रबंधक श्री राजेश कुमार तथा मुख्य कार्मिक अधिकारी/प्रशासन श्री मुदित चंद्रा को बधाई दी। बैठक के प्रारंभ में महाप्रबंधक श्री जोशी ने मुख्यालय की त्रैमासिक राजभाषा पत्रिका ‘रेल संगम’ के चिकित्सा विभाग विशेषांक का विमोचन किया।
बैठक में मुख्य राजभाषा अधिकारी एवं प्रधान मुख्य सिगनल एवं दूरसंचार इंजीनियर श्री सतेन्द्र कुमार ने समिति के अध्यक्ष महाप्रबंधक और सभी सदस्यों का स्वागत किया और राजभाषा के प्रयोग-प्रसार के लिए किए गए कार्यों और हासिल उपलब्धियों से अवगत कराया। श्री सतेन्द्र कुमार ने बताया कि वर्तमान तिमाही में तीन हिंदी कार्यशालाएं आयोजित की गईं तथा अधिकारियों एवं कर्मचारियों को अपना अधिक से अधिक कार्य हिंदी में करने का व्यावहारिक प्रशिक्षण दिया गया। मुख्यालय और मंडलों में हिंदी कुंजीयन प्रशिक्षण कार्यशाला एवं टेबल ट्रेनिंग आयोजित की गई है, जिनमें कर्मचारियों को कंप्यूटर पर यूनिकोड हिंदी फांट में काम करने का गहन एवं व्यावहारिक प्रशिक्षण दिया गया। तिमाही के दौरान 139 कर्मचारियों को सरकार की राजभाषा नीति तथा संवैधानिक प्रावधानों और प्रोत्साहन योजनाओं की जानकारी दी गई और उन्हें अपना अधिक से अधिक कार्य हिंदी में करने के लिए अभिप्रेरित किया गया। श्री सतेन्द्र कुमार ने कहा कि मंडल रेल प्रबंधक कार्यालय, आगरा में इंजीनियरी, बिजली (परिचालन) तथा भंडार शाखा में किए जा रहे कार्यों की राजभाषा प्रदर्शनी लगाई गई तथा इन शाखाओं में राजभाषा हिंदी में किए जा रहे कार्यों की समीक्षा की गई़ तथा प्रसिद्ध उपन्यासकार वृंदावन लाल वर्मा की जयंती पर वीरांगना लक्ष्मीबाई झाँसी स्टेशन पर साहित्यिक संगोष्ठी आयोजित की गई।
बैठक में अपर महाप्रबंधक श्री जे. एस. लाकरा और सभी प्रधान विभागाध्यक्ष एवं अन्य अधिकारीगण उपस्थित थे। मंडलों के अपर मंडल रेल प्रबंधक, कारखानों के मुख्य कारखाना प्रबंधक एवं अन्य सदस्य अधिकारियों ने बैठक में ऑनलाइन सहभागिता की। सभी अधिकारियों ने अपने-अपने कार्यालयों में हो रही राजभाषा प्रगति से महाप्रबंधक को अवगत कराया। बैठक का संचालन वरिष्ठ राजभाषा अधिकारी श्री चन्द्र भूषण पाण्डेय द्वारा किया गया तथा उप मुख्य राजभाषा अधिकारी एवं उप वित्त सलाहकार एवं मुख्य लेखाधिकारी (पी यू) डॉ स्वामी प्रकाश पाण्डेय ने धन्यवाद ज्ञापित किया।