राइट्स ने बीडीए को सौंपी सर्वे रिपोर्ट
लाइट मेट्रो से ज्यादा मेट्रो चलाना उपयुक
कमेटी से मंजूरी मिलने के बाद नए सिरे से तैयार होगी डीपीआर
बरेली। शहर में सर्वे करने के बाद रेल इंडिया टेक्निकल एंड इकोनॉमिक सर्विस (राइट्स) ने बीडीए को सौंपी फिजिबिलिटी रिपोर्ट में लाइट मेट्रो के बजाय मेट्रो चलाने की सिफारिश की है। रिपोर्ट करीब 22 किमी के रूट के लिए वर्ष 2031 की जनसंख्या ध्यान में रखते हुए तैयार की गई है। बीडीए की ओर से यह रिपोर्ट शासन को भेजने के साथ कमिश्नर की अध्यक्षता में गठित कमेटी की बैठक में मंजूरी के लिए रखी जाएगी।
राइट्स की रिपोर्ट के अनुसार शहर में लाइट मेट्रो की जगह मेट्रो चलाना उपयुक्त होगा। रिपोर्ट में कहा गया है कि अगर लाइट मेट्रो चलाई गई तो भविष्य में उसे अपग्रेड करना संभव नहीं होगा, लेकिन अगर कम कोचों वाली मेट्रो चलाई गई तो जरूरत के मुताबिक उसके कोचों की संख्या बढ़ाई जाने की संभावना कायम रहेगी। इसमें मरम्मत भी आसानी से हो सकती है जबकि लाइट मेट्रो विदेशी तकनीक पर आधारित है, इसलिए उसे चलाने में दिक्कतें पैदा हो सकती हैं।
राइट्स ने करीब एक महीने तक मेट्रो रेल परिचालन के लिए फिजिबिलिटी सर्वे रिपोर्ट तैयार की है। रिपोर्ट के मुताबिक शहर में तकनीकी, आर्थिक, परिवहन, सामाजिक और दूसरे पहलुओं पर जांच के साथ प्रस्तावित रूट पर मिट्टी का भी परीक्षण किया गया है। इसमें प्रमुख चौराहों पर स्टेशन बनाने का प्रस्ताव भी शामिल है। अब कमिश्नर की अध्यक्षता वाली कमेटी से मंजूरी मिलने के बाद नए सिरे से डीपीआर तैयार होगी।