दरगाह पर रोज़ा इफ्तार का किया गया एहतिमाम

बरेली। मुकद्दस रमज़ान माह में इस्लाम की एक अज़ीम हस्ती पैगम्बर-ए-इस्लाम की प्यारी बेटी,चौथे खलीफा हज़रत मौला अली की जौजा(पत्नी) और शहीद-ए-आज़म हज़रत इमाम हुसैन की वालिदा हज़रत सय्यदा फातिमा ज़हरा रदियल्लाह अन्हा का तीन रमज़ान को विसाल हुआ था। इस मौके पर आज सज्जादानशीन मुफ्ती अहसन मियां के निवास पर महफ़िल का एहतिमाम दरगाह प्रमुख हज़रत मौलाना सुब्हान रज़ा खान(सुब्हानी मियां) की सरपरस्ती में तिलावत-ए-कुरान से हुआ।
सज्जादानशीन मुफ्ती अहसन मियां ने खिराज़ पेश करते हुए सीरत मुबारका पर रोशनी डालते हुए कहा कि आपको सब्र,तकवा और परहेज़गारी के लिए जाना जाता है। आपकी ज़िंदगी मुस्लिम ख्वातीनों(महिलाओं) के लिए बेहतरीन मिसाल है। आप गरीबों, यतीमो,बेवाओं,मिस्कीनो और ज़रूरतमंदो की मदद के लिए हमेशा आगे रही। इस्लाम की खातिर आपका पूरा का पूरा घर कर्बला के मैदान में अल्लाह की राह में कुर्बान हो गया। मुफ्ती सलीम नूरी बरेलवी ने कहा कि अल्लाह के रसूल ने इरशाद फ़रमाया की “फातिमा मेरे जिगर का टुकड़ा हैं,जिसने उन्हें तकलीफ दी,उसने मुझे तकलीफ दी।” महिलाएं हज़रत फातिमा ज़हरा की ज़िंदगी पर अमल करते हुए इस्लाम के मुताबिक अपनी जिदंगी गुजारे। आपने अल्लाह की राह में सब कुछ कुर्बान करने का पैगाम दिया।
दरगाह से जुड़े नासिर कुरैशी ने बताया कि आखिर में फातिहा के बाद खुसूसी दुआ सज्जादानशीन मुफ्ती अहसन मियां ने की। 6 बजकर 18 मिनट पर रोज़ा इफ्तार का आयोजन किया गया। एक ही दस्तरख्वान पर सज्जादानशीन के साथ सभी ने इफ्तार किया।
इस मौके पर मौलाना ज़ाहिद रज़ा,मौलाना बशीर उल ,नाजिम रज़ा,अब्दुल माजिद खान,शान रज़ा,इशरत नूरी,ज़ोहिब रजसाकिब रज़ा,आदिल रज़ा आदि लोग मौजूद रहे।