HP Shiva परियोजना में ₹1292 करोड़ खर्च, राज्य की ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मिलेगी मजबूती
शिमला: हिमाचल में कृषि-बागवानी में उच्च तकनीक को अपनाकर किसानों-बागवानों की आजीविका के साधन एवं उनकी आय में बढ़ोतरी करने में सफलता हासिल की है. प्रदेश के किसानों की ओर उत्पादित फल, फूल, सब्जियों और उच्च मूल्य की नकदी फसलों का प्रदेश की आर्थिकी में महत्वपूर्ण योगदान है. एचपी शिवा परियोजना प्रदेश के किसानों और बागवानों के लिए एक वरदान साबित होगी, जिससे राज्य की ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी. जनवरी 2023 से दिसंबर 2028 तक एचपी शिवा मुख्य परियोजना एशियन विकास बैंक के संसाधनों के साथ कुल लागत 1292 करोड़ रुपये के साथ अनुमोदित की गई है.
परियोजना के तहत ये जिले हैं शामिल
एचपी शिवा परियोजना के तहत प्रदेश के सात जिलों बिलासपुर, हमीरपुर, कांगडा, मंडी, सिरमौर, सोलन और ऊना के 28 विकास खंडों में 6 हजार हेक्टेयर क्षेत्रफल को बागवानी के तहत लाने का लक्ष्य रखा गया है. जिससे 15 हजार से अधिक बागवान परिवार लाभान्वित होंगे. आगामी परियोजना की तैयारी के लिए 39 क्लस्टर स्थापित किए गए हैं. इसमें 228 हेक्टेयर क्षेत्र को कवर किया गया, जिससे 1250 किसान परिवार लाभान्वित हुए हैं.
मुख्य परियोजना के क्रियान्वयन के लिए 4 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में 257 क्लस्टर चिन्हित किए जा चुके हैं. वहीं 162 सिंचाई योजनाएं विकसित की जानी प्रस्तावित हैं. परियोजना में 4 हेक्टेयर क्षेत्र में किये जाने वाले विनिर्माण कार्य जैसे कि भूमि तैयार करना, सोलर मिश्रित तार बाड़बंदी, ड्रिप सिंचाई प्रणाली लगाना व सिंचाई योजनाओं को लगाने के कार्य प्रगति पर हैं.
इसके तहत 162 सिंचाई परियोजनाओं में से 121 परियोजनाओं पर कार्य चल रहा है और 177 क्लस्टर स्थापित किए जा रहे हैं. इसके अतिरिक्त सौर मिश्रित बाड़बंदी व भूमि तैयार करने के कार्य 73 क्लस्टरों में जारी है. एचपी शिवा मुख्य परियोजना के अंतर्गत गत दो वर्षों में करीब 324 हेक्टेयर क्षेत्र उच्च घनत्व उपोष्ण कटिबंधीय फलों के अंतर्गत लाया जा चुका है.
परियोजना पर अब तक 122 करोड़ खर्च
परियोजना में अभी तक कुल 122 करोड़ रुपये खर्च किए जा चुके हैं. इसमें से 106 करोड़ रुपये की अदायगी एशियन विकास बैंक की और से की जा चुकी है. इसके अतिरिक्त 114 प्रशिक्षण कार्यक्रमों के माध्यम से 3,687 बागवानों को प्रशिक्षण प्रदान किया गया है. बागवानी क्षेत्र प्रदेश की अर्थव्यवस्था का महत्वपूर्ण अंग है. बागवानों का कल्याण के लिए प्रदेश सरकार की ओर से बहुआयामी प्रयास किए जा रहे हैं. इन प्रयासों से प्रदेश में बागवानी क्षेत्र का समग्र विकास हो रहा है.